चंद पैसो की लालच में बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले में बेचे जा रहे हैं एक्सपायरी दवा ।

मरीजों के जीवन से खेल रहे है दवा विक्रेता, डाँकटर भी हैं संलिप्त।
मामले का खुद संज्ञान लें जिलाधिकारी, तभी रूकेगा दवंगों के संरक्षण में डाँक्टरो एवं दवा दुकानदार का मनमानी।
आनिल कुमार मिश्र :– औरंगाबाद में डाँक्टरो तथा अंग्रेजी दवा दुकानदारों द्वारा मरीजों को एक्सपायरी दवा देने का प्रचलन दिन प्रति-प्रति दिन बढ़ते जा रहा है जिससे मरीजों का जान जोखिम में कभी भी पड़ सकता है। लाँकडाउन में डाँक्टरों तथा अंग्रेजी दवा दुकान की मनमानी से मरीज व उनके परिवार हैरान व परेशान है। वहीं चंद पैसो की लालच में धड़ल्ले से मरीजों को एक्सपायरी दवा दिया जा रहा है।
प्राप्त सूचना के अनुसार जिले के बहुचर्चित अंग्रेजी दवा दुकान पाँपुलर मेड़िकल बंद था ठीक उसके सामने कोई मिया जी के अंग्रेजी दवा दुकान है जहाँ से मरीज को फरवरी 2021 में एक्सपायर हो चुके लोडस 05 दवा दे दिया गया है । मरीज को दवा देते समय अचानक मरीज के बेटे को दवा का एक्सपायरी पर ध्यान चला गया और एक्सपायरी दवा देने से रोक दिया । मरीज का लड़का संदीप पाठक ने संवाददात्ता को फोन किया और बताया की पिताजी अपने दवा के लिए औरंगाबाद गये थे, पाँपलर मेडिकल बंद था, पाँपुलरमेड़िकल के ठीक सामने कोई मिया जी का अंग्रेजी दवा दुकान है वहाँ से दुकान दार ने पिता जी को फरवरी 2021 में एक्सपायर हो चुके लोडस 05 दवा दे दिया है। क्या एक्सपायरी दवा दिया जा सकता है और दवा हरजा नहीं करेगा। एक्सपायरी दवा को नहीं देने तथा मेडिकल से सम्पर्क कर ऐसी हरकतों के बारे मे बताने तथा दवा को वापस करने की सुझाव दिया गया है।
मामला दवा से होने वाले दुसपरिनामों से जुड़ा हुआ है और थोडी सी लालच में किसी के जान को जोखिम मे डालना या जान से खेलना किस हद तक सही या गलत है यह तो जाँच का विषय है फिर भी एक्सपायरी दवा को देना अप्रभावी माना जाता है और दवा सही काम नहीं करने के कारण भी मरीजों के उपर बिमारियों का दौरा पड़ सकते है जिससे मरीजों के जीवन संकट में पड सकता। मरीजों के जीवन को जोखिम में डालना या किसी के जीवन के साथ खेलवाड़ करना संज्ञेय अपराध है।
जरूरत है जिला प्रशासन को दो कदम आगे बढ़कर मामले का संज्ञान स्वयं लेने का, क्योंकि सरकार का अंग जिलाधिकारी होते है। सभी जगहो पर मुख्यमंत्री को पहुँचकर मनमानी को रोकना संभल नही है। ऐसी परिस्थितियों में दवंगों का मनमानी को रोकना जिला प्रशासन का प्राथमिकता है।