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लोक शिकायत निवारण में लापरवाही के कारण डीएम ने फुलवारीशरीफ के तत्कालीन अंचलाधिकारी तथा तत्कालीन राजस्व कर्मचारी के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करने का दिया आदेश

डीएम द्वारा लोक शिकायत के 15 मामलों की सुनवाई एवं समाधान किया गया

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता; शिकायतों के निवारण में स्वेच्छाचारिता, शिथिलता या संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगीः डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद – जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में फुलवारीशरीफ के तत्कालीन अंचल अधिकारी तथा तत्कालीन राजस्व कर्मचारी के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करने का आदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 15 मामलों की सुनवाई की गई तथा निवारण हेतु कार्रवाई किया गया।

दरअसल अपीलार्थी श्री देवेन्द्र प्रसाद, पताः नत्थुपुर, पो.-कुरथोल, अंचल-फुलवारीशरीफ, अनुमंडल-पटना सदर द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील में परिवाद दायर किया गया था। परिवादी की शिकायत जमाबंदी रद्द वाद में अपर समाहर्ता के न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के संबंध में है। अपर समाहर्ता न्यायालय द्वारा अंचल अधिकारी, फुलवारीशरीफ द्वारा भेजे गए जमाबंदी रद्दीकरण वाद को खारिज कर दिया गया था। वर्तमान में अपीलार्थी के विपक्षी श्री साधुशरण सिंह का दाखिल-खारिज वाद संख्या 11414, वर्ष 2022-23 द्वारा जमाबंदी कायम है जिसे अपीलार्थी रद्द कराना चाहते हैं। जिलाधिकारी द्वारा दिनांक 20.05.2023 को लोक शिकायत की सुनवाई में भूमि सुधार उप समाहर्ता, पटना सदर को सम्पूर्ण मामले की जाँच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया था। उन्हें यह स्पष्ट करने के लिए निदेशित किया गया था कि किस प्रकार अपर समाहर्ता न्यायालय के आदेश के उपरांत भी विपक्षी का दाखिल-खारिज कर दिया गया। साथ ही दोषी अधिकारी एवं कर्मी के ऊपर जिम्मेदारी तय करने का निदेश दिया गया था। भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि तत्कालीन अंचलाधिकारी श्री चंदन कुमार द्वारा दाखिल-खारिज वाद सं. 11414/2022-23 को स्वीकृति प्रदान करने के पश्चात दोहरी जमाबंदी की स्थिति बन गई है। इस दाखिल-खारिज वाद में तत्कालीन राजस्व कर्मचारी श्री बिदेह किशोर ने अपने प्रतिवेदन में यह बात अंकित नहीं किया कि दाखिल-खारिज हेतु आवेदन के साथ संलग्न राजस्व रसीद पर केवल दो एकड़ चौदह डिसमिल रकबा ही अंकित है। भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा प्रतिवेदन में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रश्नगत दाखिल-खारिज वाद के निष्पादन में तत्कालीन राजस्व कर्मचारी एवं अंचल अधिकारी के स्तर से अनियमितता बरती गयी है। जिलाधिकारी ने इस पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्कालीन राजस्व कर्मचारी एवं अंचल अधिकारी के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करने का निदेश दिया। साथ ही उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्ता को निदेश दिया कि अपीलार्थी द्वारा दाखिल-खारिज अपील वाद दायर किए जाने के पश्चात उसे नियमानुसार समय-सीमा के अंदर निष्पादित किया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

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