किशनगंज : कारगिल पार्क के चहारदीवारी में लगी लोहे की ग्रिल उखाड़ ले गए नशेबाज।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, शहर में स्मैक को लेकर कर पुलिस प्रशासन ने कई कार्रवाई की है। पुलिस ने कई स्मैक गिरोह का भी भंडाफोड़ कर कई धंधेबाजों को जेल भेजने का काम किया है। लेकिन शहर से स्मैक का नशा करने वालों की नशा पूरी तरह नही उतरा है। स्मैक को लेकर आए दिन चोरी/छिनतई की घटना सामने आते रहती है। कभी नशेबाज लोगों के घर से गैस सिलेंडर चुरा ले जाते है तो कही ऑटो रिक्शा की बैटरी खोल कर बेच देते है या किसी का मोटर भी चुराकर ले जाते है। यही नही शहर में कबूतर की चोरी करते हुए भी स्मेकर को पकड़ा गया है। लोगों का कहना है कि स्मैक की नशा करने के लिए युवा इस तरह की चोरी की घटना को अंजाम दे रहे है। जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। लोगों का मानना है कि चोरी की छोटी मोटी घटना होने के कारण पुलिस कंप्लेन भी नही लिखाया जाता है। लेकिन आए दिन इस तरह की घटना होते रहती है जो प्रशासन के लिए भी एक चुनौती है। गौरतलब हो की जिले के रूईधासा मैदान स्थित कारगिल पार्क के चहारदीवारी में लगी लोहे की ग्रील धीरे धीरे गायब होते जा रही है। कारगिल पार्क को देखने वाला कोई नहीं है। गौर करे कि जिले में केवल दो पार्क है जिसमे पहले नंबर पर यही कारगिल पार्क आता है जिसे शहीद हुए वीर जवानों की शहादत को याद रखने के लिए इस पार्क का निर्माण किया गया था। वहीं कारगिल पार्क अब भूत बंगला बन कर रह गया है। दरअसल कारगिल पार्क आर्मी की जमीन में आता है। नगर परिषद के द्वारा जब निर्माण कार्य शुरू कराया गया तो आर्मी की ओर से रोक लगा दिया गया था। वजह पार्क का नाम करण बना। नगर परिषद इस बात को स्वीकार करते हुए करोड़ो की खर्च कर इस पार्क का सौंदर्यकरण करवाया मगर फिर एनओसी के चक्कर में कारगिल पार्क फस कर रह गया। इस पार्क के बंद होते ही नशेरियों ने इसे अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया। स्मेकियो के द्वारा कारगिल पार्क के बंद होने का फायदा उठाते हुए पार्क के चहारदीवारी में लगी लोहे की ग्रिल को धीरे धीरे गायब करते चले जा रहे है। देखते ही देखते पार्क की चहारदीवारी में लगी ग्रिल खत्म होता जा रहा है। किसी के पास समय नहीं है की इस खंडहर बने पार्क पर नजर दे।