ताजा खबर

डॉ. सुनिल कुमार सिंह, माननीय सदस्य, बिहार विधान परिषद् एवं अन्य से प्राप्त ध्यानाकर्षण।.

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/सूचना का वक्तव्य ,ध्यानाकर्षण सूचना ,राज्य में फसल (रबी/खरीफ तथा वाणिज्यिक एवं बागवानी) उत्पादन पर प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से किसानों को व्यापक स्तर पर आर्थिक हानि हो रही है। राज्य सरकार द्वारा बिहार फसल सहायता योजना के तहत 2 हेक्टेयर फसल की नुकसान की स्थिति में अधिकतम 20,000 रुपए वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया गया है। जबकि राज्य में कई ऐसे किसान हैं जिन्हें 2 हेक्टेयर से ज्यादा फसल का नुकसान हो रहा है। परंतु राज्य सरकार द्वारा फसल सहायता योजना के तहत अधिकतम 2 हेक्टेयर में लगे फसल के हानि की ही भरपाई की जाती है। दूसरे तरफ वाणिज्यिक बैंकों द्वारा पूरे फसल का बीमा नहीं होने के कारण के.सी.सी. ऋण देने में आनाकानी की जाती है।

दूसरे अन्य कई प्रदेशों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है, जिसके तहत् किसान के होने वाले नुकसान की पूरी भरपाई की जाती है। बिहार राज्य में दिनांक 18.02.2016 से किसानों के व्यापक आयाम वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बंद कर दी गई और यहां के किसानों के लिए मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना 2018 लागू कर दी गई, जिसके कारण प्रतिवर्ष अल्पकालीन कृषि ऋण सहित गैर ऋणी किसानों के कृषि कार्य में निवेश में प्रतिवर्ष गिरावट हो रही है। साथ ही साथ फसल के हो रहे नुकसान की भरपाई नहीं हो रही है।

जबकि सम्पूर्ण राष्ट्र स्तर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अपने व्यापक स्वरूप में वर्ष 2016 से लागू है, जिसमें खरीफ फसलों के लिए 2% रबी फसलों के लिए @ 1.5% तथा वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों के लिए 5% सहित केन्द्र एवं राज्य सरकार के अनुपातिक हिस्से अनुपात पर असीमित अनुदान राशि फसल बीमा योजना अंतर्गत लाभ स्वरूप उपलब्ध है।

अतः राज्य के सभी किसानों के फसल उत्पादन को सुरक्षा प्रदान करने, कृषि ऋण का निवेश आयाम बढ़ाने एवं उनकी आर्थिक सुदृढ़ता हेतु सरकार से सदन में एक स्पष्ट वक्तव्य की मांग करता हूँ।

वक्तव्य

राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016, रबी 2016-17, खरीफ 2017 एवं रबी 2017-18 मौसम में क्रियान्वित था। इन मौसमों में कार्यभारित बीमा कम्पनियों द्वारा प्राप्त कुल प्रीमियम की तुलना में बहुत कम क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया गया था।

बीमा कम्पनियों द्वारा प्रभारित प्रीमियम की उच्च दर एवं उसकी तुलना में अपेक्षाकृत कम क्षतिपूर्ति राशि का मुम्तान को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय के तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को बंद कर खरीफ 2018 मौसम से बिहार राज्य फसल सहायता योजना क्रियान्वित किया गया है।

बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत् आवेदन करने हेतु किसानों को किसी प्रकार के शुल्क/ प्रीमियम का भुगतान नहीं करना है। योजनान्तर्गत रैयत, गैर-रैयत एवं आंशिक रूप से रैयत तथा गैर-रैयत श्रेणी के किसान आच्छादित है। फसल क्षति की दशा में थेशहोल्ड उपज दर की तुलना में वास्तविक उपज दर में 20% तक हास की स्थिति में 7,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो (02) हेक्टेयर तक कुल 15,000 रुपये सहायता राशि अनुमान्य है एवं थ्रेशहोल्ड उपज दर की तुलना में वास्तविक उपज दर में 20% से ज्यादा हास की स्थिति में 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो (02) हेक्टेयर तक कुल 20,000 रुपये सहायता राशि अनुमान्य है। लाभुक कृषकों को अनुमान्य सहायता राशि DBT के माध्यम से उनके आधार से संबद्ध बैंक खाते में सीधे भुगतान किया जाता है।

भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को संशोधित करते हुए खरीफ 2023 मौसम से संशोधित फसल बीमा योजना को क्रियान्वित किया गया है जिसके अंतर्गत जोखिम प्रबंधन का विभिन्न वैकल्पिक मॉडल को लागू किया गया है। राज्य सरकार द्वारा संशोधित फसल बीमा योजना का अध्ययन किया जा रहा है। सरकार किसानों के हित में यथोचित निर्णय लेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button