*हाईकोर्ट के सिटिंग जजों की बेंच करें राज्य के पुल निर्माण की जांच: डॉ शकील अहमद खान*

ऋषिकेश पांडे/जेपी गंगा सेतु में दरारों की खबरें सरकार के भ्रष्टाचार की कहानी: डॉ शकील अहमद खान
बिहार का पुलों का ध्वस्त होना सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करता है: डॉ शकील अहमद खान
बिहार में अकेले 2024 में दर्जन भर पुल गिरने के मामले सामने आए हैं। स्थिति इतनी भयावह थी कि एक दिन में 5-5 पुल तक गिरे। बिहार में पुल गिरने की खबरें भीषणतम भ्रष्टाचार की कहानी बयान करते हैं।
हाल में ही अखबारों में प्रकाशित खबरों में 3831 करोड़ की लागत से बने जेपी सेतु गंगा पुल मरीन ड्राइव सुर्खियां बनी। नव उद्घाटित पुल में भी भ्रष्टाचार की दरारें उभरने की खबरें आई हैं। ये बातें बिहार कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता डॉ शकील अहमद खान ने संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस की बिहार सरकार पर जारी चौथी चार्जशीट में कही।
बिहार कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता डॉ शकील अहमद खान ने कहा कि हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है कि बिहार में पुल गिरने पर जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया था उन्हें पुनः क्यों बहला कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी भाजपा जदयू सरकार के साठ गांठ की पोल खोलती है।
बिहार में गिरे पुलों की लंबी फेहरिस्त है जो ये बताने को काफी है कि एनडीए शासन काल में पुलों का रखरखाव केवल कागजी खानापूर्ति है। केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के डबल इंजन सरकार को पंगु बना कर रखा है और बिहार में विकास छोड़िए जो पहले के संसाधन है उनका भी रख रखाव नहीं हो पा रहा है।
पटना के मरीन ड्राइव जेपी गंगा सेतु पर पड़ी दरार तो केवल ताजी खबरें हैं जो ये बताने को काफी है कि भ्रष्ट अधिकारियों के भरोसे बिहार में निर्माण कार्य संचालित हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने पिछले साल के पुल गिरने के आंकड़े जिले और दिनांक के साथ भी जारी किया।
1. 2024 में पुल गिरने के मामलों को अगर याद करें तो सबसे पहले 2 मार्च 2024 को सुपौल में कोसी नदी पर निर्माणाधीन बकौर-भेजा घाट पुल ढह गया था. भारत माला योजना के तहत इसका निर्माण हो रहा था. 1200 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा था.
2. इसके बाद 18 जून 2024 को अररिया जिले में बकरा नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया था.
3. 22 जून को सीवान में गंडक नदी पर बना पुल जल में समा गया था.
4. उसी के दूसरे दिन 23 जून को पूर्वी चंपारण में पुल गिरा था।
5. 27 जून को किशनगंज में एक पुल धवस्त होने की घटना सामने आई थी.
6. 30 जून को किशनगंज में ही फिर से एक पुल धवस्त होने की घटना सामने आई थी.
तीन जुलाई के दिन सीवान और सारण जिले में एक ही दिन में पांच पुल गिर गए थे. इस घटना के बाद बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के विपक्षी दलों के नेताओं के निशाने पर सीएम नीतीश कुमार आ गए थे.
7. पहला सीवान में तेघड़ा-टेवथा के बीच बना तीन पाया पुल था, जिसकी लंबाई 13 फीट और चौड़ाई आठ फिट थी. 35 वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके इसका निर्माण कराया था.
8. सीवान के ही महाराजगंज के देवरिया में तीन पाया का पुल गिरा था जिसकी लंबाई 30 फीट व चौड़ाई 12 फीट थी. ये पुल 2004 में करीब 10 लाख की लागत से तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह ने सांसद निधि से बनवाया था.
9. सीवान में ही नौतन-सिकंदरपुर गांव के समीप बना तीन पाया वाला पुल गिरा था जिसकी लंबाई 15 फीट व चौड़ाई तीन फीट थी. उस पुल का निर्माण भी तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह ने अपनी सांसद राशि से 1998 में 6 लाख की लागत से करवाया था.
10. सारण जिले की दंदासपुर पंचायत की गंडकी नदी पर बना था जो गिर गया. करीब डेढ़ सौ साल पुराना ये पुल था.
11. एक ही दिन में पांचवे पुल की बात करें तो सारण जिले के लहलादपुर प्रखंड में ये ध्वस्त हुआ था. श्रीढोढ़ानाथ मंदिर के पास गंडकी नदी पर बना पुल पानी के तेज बहाव के कारण गिर गया था. इस पुल का निर्माण 2004 में 22 लाख की लागत से हुआ था जबकि इसके पास समानांतर जर्जर ब्रिटिश कालीन का पुल अभी तक खड़ा है.
12. 17 अगस्त 2024 को भागलपुर के सुल्तानगंज अगवानी गंगा पुल के पिलर 9 का सुपर स्ट्रक्चर गिर गया था. गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण ये घटना घटी थी. पिलर संख्या 9 और 10 के बीच का स्लैब के सेगमेंट के लिए बना स्ट्रक्चर नदी में समा गया था।
सभी पुल के क्षतिग्रस्त होने की घटना गिनाने के बाद बिहार कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता डॉ शकील अहमद खान ने कहा कि हाईकोर्ट की सीटिंग जजों की बेंच इन सभी क्षतिग्रस्त पुलों के मामले की अविलंब जांच करें।
संवाददाता सम्मेलन में बिहार विधान परिषद में कांग्रेस के नेता डॉ मदन मोहन झा ने बिहार में भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा के गोद में बैठे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रशासनिक अधिकारियों को लूट की खुली छूट दे रखी है। कमीशनखोर सरकार में पुल क्षतिग्रस्त होना नीतीश भाजपा सरकार के आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त होने का सुबूत है।
संवाददाता सम्मेलन में विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता डॉ मदन मोहन झा, मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ , ब्रजेश प्रसाद मुनन, कैसर खान, सौरभ सिन्हा ,शिशिर कौंडिल्य , निधि पांडे मौजूद रहे।