प्रमुख खबरें

जिलाधिकारी ने बाढ़ राहत कार्यों एवं प्रबंधन की समीक्षा की

बाढ़ प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुँचाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; क्षेत्रीय पदाधिकारी तुरंत रिस्पॉन्ड करेंगेः डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/डीएम ने कहाः त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सक्रिय रहने की आवश्यकता; पदाधिकारी मिशन मोड में काम करें

बाढ़ से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूर्णतः तैयारः डीएम

जिलाधिकारी, पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा है कि बाढ़ से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सभी स्तर पर हर व्यवस्था है। वे आज पटना समाहरणालय में बाढ़ राहत कार्यों एवं प्रबंधन की समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुँचाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। एसओपी के अनुसार क्षेत्रीय पदाधिकारी यथा अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तुरंत रिस्पॉन्ड करेंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़, सुखाड़ एवं जल-जमाव की स्थिति में राहत कार्यों तथा तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा दोषी लोगों के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत सभी अंचलों में बाढ़ राहत कार्यों का अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया। राहत कैम्प का एसओपी के अनुसार संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

डीएम ने कहा कि संभावित आसन्न आपदाओं का पूर्वानुमान, ससमय एवं शीघ्र चेतावनी और आम जनता के बीच उनका प्रभावी प्रचार-प्रसार सफल आपदा प्रबंधन के मुख्य घटक हैं। प्रबंधन के विभिन्न चरणों यथा आपदा का निवारण, कमी एवं आपदा के प्रति प्रत्युत्तर के लिए सम्पूर्ण तंत्र सक्रिय है।

जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा की स्थिति में सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो यह सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को मिशन मोड में काम करने का निदेश दिया।

जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि अंचलवार नामित वरीय पदाधिकारी अपने-अपने अंचलों में बाढ़ राहत कार्यों एवं निपटने की तैयारियों की लगातार समीक्षा करें तथा सुनिश्चित करें कि एसओपी के अनुसार सारी तैयारी है। संसाधनों यथा नावों, नाविकों, गोताखोरों, दवाओं, पॉलिथीन शीट्स सहित सभी की उपलब्धता सुनिश्चित रखने का निदेश दिया गया। सभी अंचल अधिकारियों को पंचायतवार नामित प्रभारी अधिकारियों को कर्तव्य पर मुस्तैद रखने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी द्वारा अंचल अधिकारियों को गोताखोरों के साथ क्षेत्रीय स्तर पर नियमित समन्वय करने का निदेश दिया गया। नावों की तकनीकी क्रियाशीलता एवं ठोसता सुनिश्चित रखने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंताओं के माध्यम से तटबंधों को सुदृढ़ रखना सुनिश्चित करने का निदेश दिया। जिला कृषि पदाधिकारी को बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति में आकस्मिक फसल योजना का क्रियान्वयन करने का निदेश दिया गया।

विदित हो कि डीएम द्वारा बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्यों पर लगातार नज़र रखी जा रही है। उन्होंने अभियंताओं को तटबंधों की पेट्रोलिंग सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि संचार तंत्र एवं सूचना प्रणाली को सुदृढ़ रखें। शरण स्थलों पर मोबाइल मेडिकल टीम, शौचालय एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए। यहां मेडिकल कैंप, शिशु टीकाकरण, प्रसव, भोजन का उपस्कर, बच्चों हेतु विशेष भोजन, मच्छरदानी, सैनिटरी किट के लिए विशेष रूप से निर्मित योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने पुल-पुलियों एवं मुख्य सड़कों विशेषकर जिला मुख्यालय से प्रखंड को जोड़ने वाले लिंक रोड की नियमानुसार मरम्मती एवं संधारण कार्य पर विशेष ध्यान देने को कहा। डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संकटग्रस्त एवं भेद्य समुदायों के क्षमतावर्धन कार्य पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया है।

डीएम ने कहा कि सार्थक संचार तंत्र सफल आपदा प्रबंधन की रीढ़ है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इसे सुदृढ़ एवं सक्रिय रखने का निर्देश दिया।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि सभी तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। नदियों के जलस्तर की नियमित समीक्षा की जा रही है। वर्षामापक यंत्रों से प्रतिदिन वर्षापात के आँकड़ों को संग्रहित किया जाता है। जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा समेकित दैनिक प्रतिवेदन पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। जिले के सभी पंचायतों में स्वचालित वर्षामापी यंत्र (एआरजी) का अधिष्ठापन किया गया है। एआरजी से पंचायतवार वर्षापात के आंकड़े प्राप्त होते हैं । सभी प्रखंडों में स्वचालित मौसम केन्द्र की स्थापना की गई है जिससे वर्षापात के साथ-साथ तापमान, आर्द्रता, हवा की गति एवं दिशा संबंधी आंकड़े प्राप्त होते हैं। डीएम ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारियों के साथ वर्षा मापी यंत्रों का निरीक्षण-पर्यवेक्षण करने का निदेश दिया। संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं संकटग्रस्त व्यक्ति-समूहों की पहचान की गयी है। सूची को आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। परिचालन योग्य सरकारी नाव, निजी नावों के साथ एकरारनामा, बाढ़ की पूर्व तैयारी के तहत बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच वितरण हेतु राहत सामग्रियों एवं अन्य सामग्रियों तथा नाव का दर निर्धारण, पॉलीथिन शीट्स का दर निर्धारण, पॉलीथिन शीट्स की उपलब्धता, टेन्ट, महाजाल, लाईफ जैकेट, इन्फ्लेटेबल लाईटनिंग सिस्टम, प्रशिक्षित गोताखोरों, चिन्हित शरण स्थलों, खोज बचाव एवं राहत दलों, एसडीआरएफ/एनडीआरएफ मोटरबोट, आकस्मिक फसल योजना, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, पशुचारा/चुन्नी-चोकर एवं पशुदवा की व्यवस्था, मानव दवा की व्यवस्था एवं मोबाईल मेडिकल टीम, जिला में बाढ़ से निपटने हेतु सभी आवश्यक दवा पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रहना, सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थानों, ब्लड बैंकों की पहचान , असामान्य स्थिति से निपटने हेतु सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा चलन्त मेडिकल टीम का गठन, प्रखण्डवार ब्लीचिंग पाउडर, हैलोजन टेबलेट एवं लाईम पाउडर उपलब्धता , जिला ड्रग स्टोर तथा स्वास्थ्य संस्थानों (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पताल एवं अनुमंडल अस्पतालों) में सभी आवश्यक दवा यथा ओआरएस , एंटि-रेविज वैक्सिन (एआरवी) वायल, सांप काटने की दवा (एएसवीएस) वायल, डेक्स्ट्रोज 10 प्रतिशत 500 एम.एल., डीएनएस 500 एम.एल., मैट्रोनाईडाजोल 400 एमजी टैबलेट, एनएस 500 एम.एल., ऑण्डेन्सट्रॉन इन्जेक्शन, ऑण्डेन्सट्रॉन/डॉम्पेरिडोन, आरएल 500 एम.एल., आईवी सेट (एडल्ट), ब्लीचिंग पाउडर,लाईम पाउडर, हैलोजेन टैबलेट की उपलब्धता आदि पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया गया।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन हेतु 11 बाढ़ राहत कोषांग क्रियाशील है। ज़िला आपातकालीन संचालन केंद्र में जिला-स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित है जिसकी दूरभाष संख्या 0612 – 2210118 है। आपदा के कारण हुई मौतों तथा डायरिया इत्यादि बीमारियों के फैलाव के अनुश्रवण हेतु आईडीएसपी कोषांग क्रियाशील है। एएनएम, आशा एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बीमारियों के लक्षण एवं बचाव हेतु आम जनता को जागरूक किया जा रहा है। नोडल पदाधिकारी/जिला स्तरीय टास्क फोर्स-पंचायत स्तरीय/प्रखण्ड स्तरीय नोडल पदाधिकारी/जोनल पदाधिकारी तथा सुपर जोनल पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिला स्तरीय टास्क फोर्स भी क्रियाशील है।

आज की बैठक में अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन श्री डी पी शाही , अधीक्षण अभियंता बाढ़ नियंत्रण, महाप्रबंधक पेसू, समादेष्टा एनडीआरएफ, टीम कमांडर एसडीआरएफ, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमंडलों के अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, सभी प्रखंडों के अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button
error: Content is protected !!