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माननीय सांसद श्री राम कृपाल यादव की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक का आयोजन

सामूहिक प्रयास एवं सकारात्मक कार्रवाई से विकास को अपेक्षित गति मिलती है: माननीय सांसद श्री राम कृपाल यादव

माननीय सांसद ने कहाः जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में सभी अधिकारी अपने-अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं

आपसी समन्वय से विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा हैः डीएम

योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व ज़िला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता: डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –श्री राम कृपाल यादव, माननीय सांसद-सह-अध्यक्ष, जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) ने कहा है कि सामूहिक प्रयास एवं सकारात्मक दिशा में कार्रवाई से जिले के विकास को अपेक्षित गति मिलती है। उन्होंने सभी महत्वपूर्ण योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित करने का निदेश दिया। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे। माननीय सांसद ने कहा कि दिशा विकास योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। तंत्र को जनोपयोगी एवं प्रभावी बनाने में इस बैठक की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे प्रशासन व जन प्रतिनिधियों में सार्थक समन्वय एवं सुदृढ़ संवाद स्थापित करने में सहायता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि बेहतर तालमेल विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है। हम सबको मिलजुलकर समस्याओं का निदान करना चाहिए।

इस अवसर पर सदस्य-सचिव, जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति-सह-जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने माननीय सांसद-सह-अध्यक्ष, दिशा एवं अन्य उपस्थित माननीय जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि माननीय सांसद-सह-अध्यक्ष, दिशा के मार्ग दर्शन से हमसब में एक नई ऊर्जा एवं उत्साह का संचार होता है। इससे जिले के विकास को नया आयाम मिलता है। उन्होंने सभी माननीय जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि दिशा की बैठक अब नियमित अंतराल पर हो रही है। दिनांक 10.12.2022 को आयोजित बैठक में माननीय सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सम्यक अनुपालन किया गया है। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही जनप्रतिनिधियों के सुझाव को आत्मसात करते हुए उसे क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले के विकास में सभी माननीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है। हमसभी समाज के हर व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। समेकित प्रयास से सुगमता से लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

माननीय सांसद श्री राम कृपाल यादव ने कहा कि जिलाधिकारी स्वयं नियमित तौर पर क्षेत्र का भ्रमण करते हैं तथा पूरी संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं। यह प्रशंसनीय है। उनके नेतृत्व में सभी पदाधिकारी अपने-अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं तथा सकारात्मक रूख के साथ जनता की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

आज की जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना(पीएमजीएसवाई), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस), सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), पीएम पोषण योजना, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी), प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाय-जी), महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा), श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एनआरयूएएम), राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी), प्रधानमंत्री आवास योजना; सभी के लिये मकान-शहरी, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी(एसबीएम), स्मार्ट सिटी मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का क्रियान्वयन, बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ, दीन दयाल अंत्योदय योजना(एनआरएलएम), दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल योजना(डीडीयू-जीकेवाई), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम(एनएसएपी), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना(पीएमकेएसवाय)-एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूयूएमपी), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना(पीकेवीवाई), मृदा स्वास्थ्य कार्ड(एसएचसी), सुगम्य भारत अभियान, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाय), प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाय), प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम(पीएमईजीपी), राष्ट्रीय विरासत शहर विकास और वृद्धि योजना(एचआरआईडीएवाय), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना(डीडीयू-जीजेवाय), समेकित विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस), डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम(एनएलआरएमपी), डिजिटल इंडिया-पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम-प्रत्येक ग्राम पंचायत में साझा सेवा केन्द्र उपलब्ध कराना, टेलीकॉम, रेलवेज, हाइवेज, वाटरवेज, माइन्स आदि जैसे अवसंरचना संबंधी कार्यक्रम, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना(पीएमकेकेवाई), अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एण्ड अर्वन ट्रान्सफॉरमेशन(एएमआरयूटी), ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार(ई-एनएएम) एवं राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) सहित 35 से अधिक योजनाओं की समीक्षा की गई।

उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया द्वारा पावर प्वाईंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। माननीय सदस्यों द्वारा सभी योजनाओं पर विस्तार से विमर्श किया गया। विगत बैठक में उठाए गए बिन्दुओं पर अनुपालन तथा योजनाओं में अद्यतन प्रगति का अवलोकन किया गया। माननीय सदस्यों ने योजनाओं के क्रियान्वयन पर अपना विचार व्यक्त किया।

सांसद (16वीं लोक सभा) स्थानीय क्षेत्र विकास योजना में पूर्ण योजनाओं की संख्या 1173 है। सांसद (17वीं लोक सभा) स्थानीय क्षेत्र विकास योजना में पूर्ण योजनाओं की संख्या 75 है। सांसद (राज्य सभा) स्थानीय क्षेत्र विकास योजना में पूर्ण योजनाओं की संख्या 1561 है। जिलाधिकारी ने कहा कि शेष अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए कार्यकारी एजेंसी को निदेश दिया गया है। साथ ही इसकी मासिक समीक्षा की जाती है। माननीय सांसद श्री राम कृपाल यादव ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का उद्देश्य 500 से 1000 आबादी वाले बसावटों को 12 मासी सड़क से सम्पर्कता प्रदान करना है। जिला अंतर्गत पाँच प्रमंडलों-पटना, दानापुर, मसौढ़ी, पालीगंज एवं बाढ़- में 314 पुलों/पथों को पूर्ण कर लिया गया है। 36 ड्रॉप एवं 04 विखंडित/हस्तांतरित योजनाएं हैं।

समेकित बाल विकास योजना(आईसीडीएस) के अंतर्गत बच्चों के उचित मनोवैज्ञानिक/शारीरिक और सामाजिक विकास की नींव रखना, मृत्यु दर, कुपोषण को दूर करना एवं 0-6 आयु वर्ग के बच्चों का स्कूल पूर्व शिक्षा सुनिश्चित करना उद्देश्य है। जिले में कुल संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 5,127 है। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना से कुल 15,064 लाभुक आच्छादित हैं। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से कुल 2,771 लाभुक आच्छादित हैं। पोषाक योजना के लाभुकों की संख्या 1,75,800 है। राष्ट्रीय पोषण मिशन में प्रत्येक माह के 07वीं तारीख को गोदभराई एवं 19वीं तारीख को अन्नप्राशन का आयोजन प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर किया जाता है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि जिला स्तरीय दलों, राज्य स्तरीय दलों, सीडीपीओ तथा महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा नियमित तौर पर आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच की जाती है। अभी तक 23,445 निरीक्षण किया गया है तथा निरीक्षण प्रतिवेदन के आलोक में 3,727 सेविकाओं/सहायिकाओं के विरूद्ध स्पष्टीकरण, वसूली, चयनमुक्ति की कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को निदेश दिया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित कार्यक्रमों में माननीय जनप्रतिनिधियों को नियमित तौर पर आमंत्रित किया जाए।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत ग्रामीण क्षेत्र के शौचालय विहीन परिवारों में शौचालय की सुलभता प्रदान की जाती है तथा वैसे परिवार जो भूमिहीन विशेषकर अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों, प्रवासी मजदूरों, चलंत एवं अस्थायी आबादी से हों, उनके लिए आवश्यकतानुसार सामुदायिक स्वच्छता परिसर/क्लस्टर शौचालय का निर्माण कराते हुए शौचालय की सुलभता प्रदान किया जाना है। फेज-1(2014-21) में व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों की उपलब्धि 4,11,619 है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान- द्वितीय चरण अंतर्गत 31,128 परिवारों के शौचालय का जियो टैगिंग कराते हुए सभी प्रखंडों द्वारा 26,797 परिवारों को शौचालय की प्रोत्साहन राशि दी गई है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ओडीएफ-प्लस बनाने के क्रम में 142 सामुदायिक स्वच्छता परिसर को पूर्ण कर लिया गया है तथा 22 निर्माणाधीन है। ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत पटना जिला द्वारा उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। ई-रिक्शा, पेडल रिक्शा, फॉगिंग मशीन, हाउसहोल्ड डस्टबिन तथा सामुदायिक डस्टबिन का क्रय किया गया है। 4,478 वार्ड लेवल स्वच्छता कर्मी हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कुल 167 ग्राम पंचायतों के 2,239 वार्डों में डोर-टू-डोर कचड़ा संग्रह प्रारंभ किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) के तहत ग्रामीण क्षेत्र के आवास विहीन परिवारों को आवास मुहैया करायी जाती है। आवास प्लस (2021-22) में पूर्ण घरों की संख्या 37,653 है जो स्वीकृत घरों की संख्या का 96 प्रतिशत है जबकि राज्य में यह 92 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आवास योजना में प्रथम किस्त एवं द्वितीय किस्त की राशि तथा द्वितीय किस्त एवं तृतीय किस्त की राशि प्राप्त लाभुकों की संख्या में अंतर कम है। हमलोग नियमित तौर पर अनुश्रवण करते हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का क्रियान्वयन योजना अंतर्गत एक गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवता के खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में खाद्यान्न का वितरण प्रतिशत पूर्विक्ताप्राप्त श्रेणी में गेहूँ 98 प्रतिशत तथा चावल 97 प्रतिशत है जबकि अंत्योदय श्रेणी में खाद्यान्न का वितरण प्रतिशत गेहूँ 99 प्रतिशत एवं चावल 95 प्रतिशत है।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना(पीएमयूवाइ) योजना अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले महिलाओं को निःशुल्क एल.पी.जी. गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। जिले में इसके अंतर्गत 2,82,331 परिवारों को एसवी निर्गत किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र के शौचालय विहीन परिवारों में शौचालय की सुलभता प्रदान करना तथा वैसे परिवार, जो भूमिहीन विशेष कर अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों, प्रवासी मजदूरों, चलन्त एवं अस्थायी आबादी से हों, उनके लिए आवश्यकतानुसार सामुदायिक स्वच्छता परिसर/क्लस्टर शौचालय का निर्माण कराते हुए शौचालय की सुलभता प्रदान किया जाता है। इसमें घरों के शौचालय निर्माण में लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। साथ ही 363 वार्ड को ओडीएफ घोषित किया गया है जो लक्ष्य का 100 प्रतिशत है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पटना जिला में प्रसव पूर्व देखभाल में उपलब्धि 113 प्रतिशत तथा प्रसव पूर्व देख-भाल (प्रथम तिमाही) में उपलब्धि 77 प्रतिशत है। 3,57,161 लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड निर्गत किया गया है।

सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए) की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पाठ्य-पुस्तक, पोशाक, छात्रवृति की राशि डीबीटी के माध्यम से मेधा सॉफ्ट के द्वारा बच्चों के खाता में राशि अंतरित किया जाता है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए वर्ग 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं के पोशाक/छात्रवृति की राशि डीबीटी के माध्यम से भुगतान हेतु मेधा सॉफ्ट पर छात्र-छात्राओं का खाता अपडेट कर दिया गया है। विद्यालयों में वितरित पुस्तकों की संख्या 4,10,559 है। पुस्तक वितरण का प्रतिशत 99.20 है। पीएम पोषण योजना की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पटना जिला में पीएम पोषण योजना से आच्छादित विद्यालयों की संख्या 3,147 है तथा जिले में कार्यरत रसोईया-सह-सहायक की कुल संख्या 9,108 है। भौतिक उपलब्धि 3,55,931 है।

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांग व्यक्तियों को सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसकी समीक्षा के क्रम में पाया गया कि इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्ध पेंशन योजना के स्वीकृत लाभार्थियों की संख्या 1,92,959 है। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के स्वीकृत लाभार्थियों की संख्या 16,230 है। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के स्वीकृत लाभार्थियों की संख्या 3,045 है। राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना के अंतर्गत 774 लोगों को भुगतान कर दिया गया है।

माननीय सांसद श्री राम कृपाल यादव ने पटना नगर निगम के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पटना नगर निगम द्वारा अभियान चलाकर पटना शहर को साफ रखा जा रहा है। कूड़ों के ढेर का निस्तारण कर प्रशंसनीय कार्य किया गया है।

जिलाधिकारी डॉ सिंह ने कहा कि जनहित के मामलों के अनुश्रवण के लिए लगभग 200 पदाधिकारियों की टीम द्वारा प्रत्येक बुधवार एवं बृहस्पतिवार को पंचायतों में विभिन्न योजनाओं की जांच की जाती है तथा आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाती है।

जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि माननीय सदस्यों के सुझावों पर तत्काल कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। कार्यक्रमों एवं योजनाओं का पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व के साथ क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।

इस बैठक में माननीय सांसद श्री राम कृपाल यादव के साथ माननीय विधान सभा सदस्यगण श्री अरूण कुमार सिन्हा, श्री अनिरूद्ध कुमार, श्री गोपाल रविदास, श्री संदीप सौरभ, माननीय महापौर श्रीमती सीता साहू, माननीय अध्यक्षा जिला परिषद् श्रीमती कुमारी स्तुति, प्रखंडों के माननीय प्रमुखगण के साथ अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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