मणिपुर में राष्ट्रपति शासन डबल इंजन सरकार का दिवालियापन
कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना भाजपा की डबल इंजन सरकार के पूर्ण दिवालियापन को दर्शाता है, जिसके शासन में राज्य दो वर्षों से हिंसक उथल-पुथल में है। राष्ट्रपति शासन मणिपुर के हित में नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर आंतरिक संघर्षों को निपटाने के लिए लगाया गया है। मुख्य दोषी तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह हैं,जिन्हें भाजपा-आरएसएस का समर्थन प्राप्त था।जिसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्योंकि उनकी पक्षपातपूर्ण भूमिका की जांच एक अदालत द्वारा की जा रही थी, जहां उनकी सांप्रदायिक पक्षपातपूर्ण भूमिका के सबूत पेश किए गए थे, जिसके कारण उनके पास पद छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इन सभी घटनाक्रमों में, सत्तारूढ़ भाजपा और केंद्र सरकार के केंद्रीय नेतृत्व ने मणिपुर के लोगों पर पड़ने वाले गहरे दुख को कम करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, जिसका प्रतीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकटग्रस्त राज्य का दौरा करने से भी इनकार करना है। इससे सत्तारूढ़ पार्टी और उसके नेतृत्व वाली राज्य और केंद्र सरकार के सांप्रदायिक दृष्टिकोण का पता चलता है, जो अपने राजनीतिक हितों को राज्य और उसके लोगों के हितों से ऊपर रखते हैं। राष्ट्रपति शासन कोई समाधान नहीं है। हालांकि, अब केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। उसे विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के माध्यम से गहरे मतभेदों को दूर करने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि राज्य के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करते हुए सामान्य स्थिति, शांति और सद्भाव लाने के लिए उचित समाधान निकाला जा सके, जिसमें समय सीमा के भीतर चुनाव कराना भी शामिल है।