देशब्रेकिंग न्यूज़

भारत में कोविड के लिए कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक- V (Sputnik V) कारगर वैक्सीन है

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना ::इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट को भी खत्म कर देती है। इंस्टीट्यूट ने अपनी स्टडी के आधार पर बताया है कि ब्राजील वैरियंट, यूके वैरियंट और साउथ अफ़्रीकन वैरियंट पर भी यह वैक्सीन असरदार है और उन्हें भी यह समाप्त कर देती है। वैक्सीन के ट्रायल में स्वदेशी कोवैक्सिन का नतीजा काफी बेहतर निकला है।

सूत्रों के अनुसार, ICMR और भारत बायोटेक ने मिलकर कोवैक्सीन को तैयार किया है। इसे बनाने में सबसे पारंपरिक इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया है। इनएक्टिवेटेड का अर्थ है कि इस वैक्सीन में डेड वायरस को शरीर में डाला जाता है, जिससे शरीर में एंटीबॉडी पैदा होती है और फिर यही एंटीबॉडी वायरस को मारती है।

यह वैक्सीन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम नहीं है क्योंकि वैक्सीन बनाना बेहद फाइन बैलेंस का काम होता है ताकि वायरस शरीर मे एक्टिवेट न हो सके। ये इनक्टिवेटेड वायरस शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को असली वायरस को पहचानने के लिए तैयार करता है और संक्रमण होने पर उससे लड़ता है और उसे खत्म करने की कोशिश करता है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि कोवैक्सीन से इंसानों को कोई खतरा नही है। कोवैक्सीन की प्रभाविकता के संबंध में बताया जाता है कि 78 फीसदी है। एक शोध के अनुसार यह वैक्सीन घातक संक्रमण और मृत्यु दर के जोखिम को 100 फीसदी तक कम कर सकती है। हाल ही में हुए शोध में यह दावा किया गया है कि कोवैक्सिन कोरोना के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर है।

हमारे देश में तीन तरह की वैक्सीन को मान्यता दी गई है, जिसमें ICMR और भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार किया गया और पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किए जा रहे उत्पादन कोविशील्ड तथा मॉस्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किया है और भारत में डॉ० रेड्डी लैब द्वारा बनाया गया स्पुतनिक- V (Sputnik V) है। अभी तक हमारे देश में स्वीकृत तीनों ही वैक्सीन (कोविशील्ड,कोवाक्सिन और स्पुतनिक) कोविड को गम्भीर होने और वेंटिलेटर पर जाने से बचाती है और रोग के गम्भीर होने के खतरे को टाल देती है।

सूत्रों के अनुसार, इन सभी वैक्सीन में सिर्फ कोवैक्सीन अकेली ऐसी वैक्सीन है जिसे बनाने में सबसे पुराने तरीकों का इस्तेमाल कर कोरोना वायरस के ही इनक्टिवेटेड वायरस अर्थात मृत-स्वरूप को उपयोग में लाया है। हाल ही में हुए शोध के अनुसार कोवैक्सीन कोरोना के अतिरिक्त 671 वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी बनाता है मतलब ये कि चाहे कोरोना वायरस कितना भी म्यूटेशन कर ले (अर्थात रूप बदल लें) कोवैक्सीन उन सभी पर प्रभावी रहेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button