किशनगंज : ध्यान फांउडेशन मामले में पार्षदों व बार कौंसिल ने की जांच की मांग
भुतनाथ गौशाला के द्वारा दो एकड़ जमीन ध्यान फाउन्डेशन को लीज पर दिया गया था। जिसे पशुओं को क्रुरता से बचाने एवं पशुओं की अच्छी तरह से सेवा करने के लिए दिया गया था। लेकिन ध्यान फाउन्डेशन अपने कर्तव्य से विमुख हो चुका है इसकी कार्यप्रणाली की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है
किशनगंज, 25 जुलाई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, भूतनाथ मंदिर परिसर में संचालित ध्यान फांउडेशन गौशाला मामला इन दिनों चर्चा में है। ध्यान फांउडेशन द्वारा संचालित गौशाला हटाने की मांग को लेकर दो दिन पूर्व भी विभिन्न संगठनों के लोगों ने सड़क जाम व प्रदर्शन किया था। अब गुरुवार को मुख्य पार्षद इंद्रदेव पासवान के नेतृत्व में पार्षदों व बार कौंसिल के अध्यक्ष शिशिर दास के नेतृत्व में अधिवक्ता संघ का प्रतिनिधिमंडल समाहरणालय स्थित डीएम के कार्यालय वेश्म में जिलाधिकारी तुषार सिंगला व एसपी सागर कुमार से मिलकर अपनी मांगें रखी व मांग पत्र सौंपे एवं मामले की जांच करवाने की मांग रखी। सौंपे गए मांग पत्र में कहा गया है कि हर साल की तरह इस साल भी किशनगंज भुतनाथ गौशाला समिति एवं श्रावणी मेला समिति के सौजन्य से श्रावणी मेला का आयोजन किया जा रहा है। भुतनाथ गौशाला के द्वारा दो एकड़ जमीन ध्यान फाउन्डेशन को लीज पर दिया गया था। जिसे पशुओं को क्रुरता से बचाने एवं पशुओं की अच्छी तरह से सेवा करने के लिए दिया गया था। लेकिन ध्यान फाउन्डेशन अपने कर्तव्य से विमुख हो चुका है इसकी कार्यप्रणाली की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है। जिस फाउन्डेशन के पास मवेशी का देख-भाल का जिम्मा है वह फाउन्डेशन इसकी सही ढ़ंग से देख रेख नहीं कर पा रही है। जख्मी बीमार मवेशी के इलाज में भी कोताही बरती जाती है। फलस्वरूप बड़ी संख्या में मवेशी असमय काल के गाल में समाते जा रहे है। इतना ही नहीं ध्यान फाउन्डेशन द्वारा मवेशी की मृत्यु पर इसका विधिवत पोर्स्टमार्टम भी नहीं कराया जाता है और ना ही संबंधित विभाग अथवा न्यायालय को इसकी सूचना दी जाती है। इनलोगों का आरोप है कि ध्यान फाउन्डेशन के विरूद्ध जब कोई कुछ बोलता है तो फाउन्डेशन के सदस्य कुछ महिलाओं को आगे बढ़ा कर मामले को दबाने का प्रयास करते हैं। इनलोगों ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन एवं नगर परिषद् से इस संदर्भ में ध्यान फाउन्डेशन के कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए इनकी जिम्मेदारी के साथ-साथ इन पर कार्यवाही भी तय की जाए। ताकि भुतनाथ गौशाला एवं ईद-गर्दि गोवंश एवं मवेशियों की मृत्यु से जो गंध फैल रही है, यह भवष्यि में महामारी का रूप ना ले सके। इनलोगों का कहना है कि सूत्र से ज्ञात हुआ है कि भुतनाथ गौशाला द्वारा सिर्फ एक वर्ष का ही लीज दिया गया था। जिनका ना उनलोगों ने भाड़ा दिया और ना ही लीज के शर्तों का पालन किया। लेकिन ध्यान फाउन्डेशन के द्वारा 35 वर्षों का लीज के बारे में बताया जा रहा है। भुतनाथ गौशाला के पदेन अध्यक्ष अनुमंडल अधिकारी, किशनगंज है। इनलोगों ने ध्यान फांउडेशन के कार्यों की जांच कराने की मांग की है। डीएम से मिलने वालों में मुख्य पार्षद इंद्रदेव पासवान, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष शिशिर दास, पार्षद सुशांत गोप, देवेन यादव, रंजीत रामदास, मालती देवी, प्रदीप ठाकुर, पार्षद प्रतिनिधि फिरोज आलम, मनीष कुमार, अंजार आलम, अधिवक्ता संजीत पासवान सहित अन्य थे।