भ्रष्टाचार : किशनगंज प्रखंड के टेऊसा पंचायत में बन रहे छठ घाठ में भ्रष्टाचार, तीन नंबर ईट, स्थानीय बालू से हो रहे कार्य।

मानक के अनुसार नहीं हो रही कार्य, सूचना पट्ट नदारद।
- बिना धुरमूष दिये भरा गया मिट्टी ऊपर से तीन नम्बर ईटा जो बनने के बाद कभी भी धंस सकता है। यह कहना इसी छठ घाठ का मजदूरों का है जो छठ घाठ में कार्य कर रहे है।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, सरकार द्वारा पंचायतों में रोड, नाला-नाली, चारदीवारी, तालाबों का निर्माण व जीर्णोद्धार, व छठ घाटों का निर्माण कार्य जैसे अनेक पंचायतों में विकास कार्य के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है। वहीं ग्राम पंचायत टेऊसा के वार्ड संख्या 8 ढेकसरा में छठ घाट निर्माण में मुखिया साजिदा खातून के द्वारा तीन नंबर ईट, स्थानीय बालू घटिया सामग्री से कार्य किए जा रहे हैं। एवं सूचना पट्ट भी नहीं लगाई गई। कार्य में मानक के अनुसार सामग्री नहीं लगाई जा रही है। वही ढेकसरा के लाभान्वित होने वाले ग्रामीण भ्रष्टाचार निरोधी दस्ता की सुस्ती से निराश हैं। ग्रामीणों का कहना है, भ्रष्टाचार का विरोध करना आफत को आमंत्रित करना है। दूसरी बार मुखिया बने हैं इनकी पहुंच बहुत है। पैसे के बल पर सारा मामला को निपटा देते हैं। अधिकारियों से मिलकर भ्रष्टाचारी कार्य करवाते रहते हैं। मुखिया के द्वारा कार्य में सबसे सस्ती स्थानीय बालू, सीमेंट, तीन नंबर ईंट, का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूचना पट्ट भी नदारद है। इससे पूर्व भी ग्रामीणों ने शिकायत की थी। जांच होने के उपरांत भी कोई कार्रवाई नहीं हुई इसलिए ग्रामीण निराश थे। गौर करे कि भ्रष्टाचार के चलते कई इंजीनियर और पदाधिकारी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा झेल रहे हैं। करोड़ों की संपत्ति निगरानी विभाग सील की है, लेकिन भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। गौरतलब है कि प्रखंड क्षेत्र में पंचायत द्वारा कराए जा सारे कार्यों की निगरानी मुखिया व पंचायत सचिव को करनी है। घोटाला करने के बाबत मुखिया से बातचीत करने से इनकार कर देने से जानकारी नहीं हो सकी। वही छठ घाठ में कार्य कर रहे मजदूरों का भी यही कहना है कि तीन नम्बर ईटा से कार्य करवाया जा रहा। बिना धुरमूष से मिट्टी बैठाए ही कार्य कर दिया गया जो कभी भी धंस सकता है। एक बात गौर करने वाली यह भी है कि जहां छठ घाठ का कार्य हो रहा है उसी रास्ते मे मिट्टी गिराया गया है जो अवैध खनन कर लाया गया प्रतीत होता है। जो जांच का विषय है। इस संबंध प्रखंड विकाश पदाधिकारी किशनगंज से संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु किसी कारणवश मोबाइल नही लगा। कुछ लोगो का कहना यह था कि जब सरकार एक नंबर कार्य करने को राशि देती है तो संवेदक तीन नम्बर कार्य क्यों करा रहे है।