भ्रष्टाचारियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त: भाकपा
कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि बिहार की एनडीए सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर पहुँच गया है। जांच एजेंसियों के द्वारा बिहार सरकार के जिस लोकसेवक के यहाँ छापेमारी की जाती है तो उसके यहाँ से रिश्वत के करोड़ों करोड़ रुपये मिल रहे हैं। रुपये गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ती है। दो दिन पहले मनिहारी के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा के यहां आर्थिक अपराध ब्यूरो की छापेमारी हुई है, जहां करोड़ों रुपये की अवैध संपति मिली है। वहीं बिहार पुलिस के निलंबित अवर निरीक्षक सरोज सिंह उर्फ निमकी सिंह के यहां से एसटीएफ की छापेमारी में अवैध हथियार और करोड़ों की संपत्ति मिली है।
कुछ दिन पहले भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (उत्तर) तारिणी दास सहित 8 लोकसेवकों के यहां छापेमारी की गई थी, जिसमें 11.64 करोड़ रुपये, एवं आपत्तिजनक दस्तावेज और संपत्ति से जुड़े हुए कागजात मिले। इससे पहले आईएएस संजीव हंस सहित अन्य अधिकारियों के यहां हुई छापेमारी में करोड़ों रुपये मिले। इससे स्पष्ट होता है कि नीचे से ऊपर तक लूट मची हुई है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। मुख्य अभियंता तारणी दास को रिटायरमेंट के बाद दो वर्षों का सेवा विस्तार दिया गया इससे यह प्रमाणित होता है कि भ्रष्टाचारी सत्ता के संरक्षण में लूट मचाये हुए हैं। बिहार में कोई भी कार्य बिना रिश्वत का नहीं होता है। प्रखंड सह अंचल कार्यालय और थाना भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है। कल्याणकारी योजनाओं में लूट मची हुई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रतीक्षा सूची में नाम शामिल करने के लिए रिश्वत की मांग की जाती है। जो रिश्वत देते हैं उसका नाम शामिल किया जाता है और जो नहीं देते हैं उसका नाम शामिल नहीं किया जाता है। राशन कार्ड बनाने में भी लूट मची हुई ह। ग्रामीण विकास मंत्री ने बिहार विधानसभा में स्वीकार किया है कि 376 प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) पर दंड आरोपित किये गए। 186 आवास कर्मियों की सेवा समाप्त की गई है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पूरी तरफ फिसड्डी साबित हो गयी है। नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लोक कल्याणकारी योजनाओं में हो रही लूट पर रोक लगाने और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग करती है।