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पीसी-पीएनडीटी कानून का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

जन्म पूर्व लिंग परीक्षण कानूनन अपराध है; उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध विधि-सम्मत कठोरतम कार्रवाई करेंः आयुक्त

उत्तम लिंग-अनुपात सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों को प्रतिबद्ध रहने की आवश्यकताः आयुक्त

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:- आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना श्री कुमार रवि ने पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में इस विषय पर आयोजित प्रमंडल-स्तरीय एक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जन्म-पूर्व लिंग परीक्षण कानूनन अपराध है। सभी जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराएँ। आयुक्त श्री रवि ने सभी जिला पदाधिकारियों को उनके-उनके जिलों में संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का नियमित जाँच कराने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि दण्डाधिकारियों, चिकित्सा पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की टीम गठित कर कल से ही सभी अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच कराएँ एवं स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निदेशों के आलोक में विधि-सम्मत कार्रवाई करते हुए प्रतिवेदन समर्पित करें। सभी प्रखण्डों एवं नगर निकायों में अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच कराएँ। जिले में एक भी अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र नहीं रहना चाहिए। अपंजीकृत केन्द्र को अल्ट्रासाउण्ड मशीन की बिक्री निषिद्ध है। कानून एवं नियम का उल्लंघन करने वाले क्लिनिक को सील करें, गुणवत्तापूर्ण आरोप-पत्र दाखिल करें तथा दोषी चिकित्सकों के विरूद्ध कार्रवाई करें। आयुक्त श्री रवि ने कहा कि दो सप्ताह के बाद वे पुनः कृत कार्रवाई प्रतिवेदन (एटीआर) की समीक्षा करेंगे।

आज की इस बैठक में आयुक्त श्री रवि द्वारा प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों में अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच की समीक्षा की गई एवं अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। प्रमंडल में वैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की कुल संख्या 1170 है। इसमें भोजपुर जिला में 87, बक्सर जिला में 44, कैमूर जिला में 46, नालन्दा जिला में 63, पटना जिला में 844 एवं रोहतास जिला में 86 है। आयुक्त श्री रवि ने कहा कि भोजपुर जिला में कानून का उल्लंघन करने वाले क्लिनिक तथा चिकित्सकों के विरूद्ध अच्छी कार्रवाई की गई है। अन्य जिलों में भी समय-समय पर जाँच की जाती है। सभी जिला कानून तथा नियम का उल्लंघन करने वाले निबंधित, अनिबंधित, वैध एवं अवैध क्लिनिक तथा चिकित्सकों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करें।

आयुक्त श्री रवि ने सभी सिविल सर्जन को निदेश दिया कि भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के उद्देश्य से अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड पर प्रतिबंध लगाएँ। उन्होंने कहा कि सेक्श-रेशियो तथा चाईल्ड सेक्श-रेशियो को बेहतर रखना हम सबका दायित्व है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 4 एवं 5 के अनुसार जन्म के समय सेक्श-रेशियो का तुलना करने पर पता चलता है कि भोजपुर में 885 से घटकर 872, बक्सर में 962 से घटकर 886 हो गया है। उन्होंने कहा कि इसे रोकने की आवश्यकता है। सभी स्टेकहोल्डर्स इसके लिए प्रतिबद्ध रहें। प्रसव पूर्व निदान तकनीक (विनियमन एवं दुरूपयोग निवारण) अधिनियम, 1994 के अंतर्गत नियुक्त प्राधिकार इसके लिए तत्परता से कार्य करें। जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक तथा अनुमंडल पदाधिकारी सजग रहकर आवश्यक कार्रवाई करें। अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध विधि-सम्मत कठोरतम कार्रवाई करें।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि लिंग अनुपात एवं बाल लिंग अनुपात की अच्छी स्थिति के लिए सभी पदाधिकारी नियमों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराएँ।

इस बैठक में जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, उप विकास आयुक्त पटना श्री तनय सुल्तानिया, आयुक्त के सचिव श्री प्रीतेश्वर प्रसाद, उप निदेशक खाद्य श्री धीरेन्द्र झा, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी डॉ. विद्यानन्द सिंह, सिविल सर्जन, पटना डॉ. श्रवण कुमार तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी भोजपुर श्री राज कुमार, जिलाधिकारी बक्सर श्री अंशुल अग्रवाल, जिलाधिकारी कैमूर श्री सावन कुमार, प्रभारी जिलाधिकारी नालन्दा, प्रभारी जिलाधिकारी रोहतास, जिलों के सिविल सर्जन एवं अन्य भी उपस्थित थे।

 

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