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CM नीतीश के नाम लालू का खुला खत, तुम कहां मिसाइल के ज़माने में तीर-तीर किए जा रहे हो ? तीर का ज़माना अब लद गया…

बिहार में लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम दौर में है।छह चरण के मतदान संपन्‍न हो चुके हैं।इस दौरान राजनेताओं की बयानबाजी और आरोप-प्रत्‍यारोप के लिए खुली चिठ्ठी लिखने का प्रचलन भी बढ़ गया है।ताजा मामला है राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा बिहार के मुख्‍यमंत्री व जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सुप्रीमो नीतीश कुमार पर निशाना साधते उनके नाम खुली चिट्ठी का है।लालू प्रसाद यादव ने इसे अपने फेसबुक और ट्विटर पेज पर भी शेयर किया है। लालू की इस चिट्ठी के बाद बिहार में सियासत गरमाती दिख रही है।लालू ने चिट्ठी में लिखी ये बातें ‘दिनभर करते लालू और लालटेन की जाप’
लालू प्रसाद यादव ने अपनी चिट्ठी में नीतीश पर जमकर तंज कसे हैं।नीतीश कुमार के लिए लालू ने ‘छोटा भाई’ लिखते हुए कहा है कि आजकल उन्‍हें उजालों से कुछ ज्यादा ही नफरत हो गई है।दिन भर लालू और लालटेन की जाप करने करते हैं।लालू ने लिखा है कि लालटेन प्रकाश और रोशनी का पर्याय है।हमने लालटेन के प्रकाश से गैर बराबरी नफरत अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है।नीतीश पर तंज कसते हुए लालू आगे लिखते हैं कि उनका तीर (जदयू का चुनाव चिह्न) मार-काट और हिंसा का पर्याय और प्रतीक है।लालू ने आगे लिखा कि जनता को लालटेन की जरूरत हर परिस्थिति में होती है।बल्ब की रोशनी से बेरोज़गारी, उत्पीड़न, घृणा, अत्याचार, अन्याय और असमानता का अंधेरा नहीं हटा सकते।इसके लिए मोहब्बत के साथ खुले दिल और दिमाग़ से दिया जलाना होता है।समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत‘ 
लालू ने लिखा है, समानता, शांति, प्रेम और न्याय दिलाने के लिए ख़ुद को दिया और बाती बनना पड़ता है।समझौतों को दरकिनार कर जातिवादी, मनुवादी और नफ़रती आंधियों से उलझते व जूझते हुए ख़ुद को निरंतर जलाए रहना पड़ता है। नीतीश को संबोधित करते हुए लालू लिखते हैं, ‘तुम क्या जानो इन सब वैचारिक और सैद्धांतिक उसूलों को।डरकर शॉर्टकट ढूंढना और अवसर देख समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत रही है।

तीर का ज़माना लदा, अब संग्रहालय में ही दिखेगा
नीतीश को संबोधित करते हुए लालू ने आगे तंज किया, ‘तुम कहां मिसाइल के ज़माने में तीर-तीर किए जा रहे हो ? तीर का ज़माना अब लद गया।तीर अब संग्रहालय में ही दिखेगा।लालटेन तो हर जगह जलता दिखेगा और पहले से अधिक जलता हुआ मिलेगा, क्योंकि 11 करोड़ ग़रीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे है।बाक़ी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ।तुम्हारी मर्ज़ी।

लालू की चिट्ठी से गरमाई सियासत 
लालू प्रसाद यादव के इस पत्र पर बिहार में राजनीति गरमा गई है।इसपर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू प्रवक्‍ता संजय सिंह ने कहा कि लालू यादव का जेल से चिट्ठी लिखना जेल मैन्‍युअल का खुला उल्‍लंघन है।कोर्ट व सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए।जदयू के नीरज कुमार ने तो लालू की चिट्ठी के जवाब में चिट्ठी जारी कर पलटवार किया है।
लालू यादव की चिट्ठी पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इसका नीतीश कुमार को सामने आकर जवाब देना चाहिए।राजद के शिवानंद तिवारी ने कहा कि लालू यादव जेल में रहकर भी नीतीश कुमार व राजग के सामने मजबूत दीवार बन गए हैं।इस कारण वे लोग परेशान हैं।चिट्ठी पर जदयू की प्रतिक्रिया पर कांग्रेस प्रवक्‍ता प्रमचंद मिश्र ने कहा कि लालू यादव के माध्‍यम से पार्टी ने अपना संदेश जारी किया है।इसमें कानून का उल्‍लंघन कहां है ? अगर जदयू को लगता है कि लालू यादव किसी कानून का उल्‍लंघन कर रहे हैं तो राजग की झारखंड सरकार उसकी जांच करा सकती है।विदित हो कि लालू प्रसाद यादव ट्वीट और फेसबुक पोस्ट के माधयम से विरोधियों पर लगातार हमलावर रहे हैं।फिलहाल वे रांची के जेल में चारा घोटाला के मामलों में सजा काट रहे हैं। लालू की यह चिट्ठी उनके विपक्ष पर किए जाने वाले लगातार हमलों की कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।लालू की अनुपस्थिति में राजद व परिवार सहानुभूति वोट लेने की कोशिश में भी हैं।

रिपोर्ट-धर्मेंद्र सिंह/सोनू यादव

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