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किशनगंज : प्रखंडों में स्वच्छता एवं पोषण दिवस का किया गया आयोजन

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और जागरूकता में कमी के कारण मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होती है: सिविल सर्जन

किशनगंज, 20 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने और समुदाय को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के उद्देश्य से जिले के सभी प्रखंडों में स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के सामूहिक प्रयास का परिणाम था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना और लोगों को स्वच्छता एवं पोषण के महत्व के प्रति जागरूक करना था। स्वच्छता और पोषण दिवस के आयोजन में सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और जागरूकता में कमी के कारण मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, किशोरियों और परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं अक्सर सीमित होती हैं, जिसके चलते बच्चों और महिलाओं को पर्याप्त देखभाल नहीं मिल पाती। इस कार्यक्रम के तहत डा. देवेंद्र कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने एक व्यापक टीकाकरण अभियान की निगरानी की। इसमें नवजात शिशुओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आवश्यक टीके लगाए गए। गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व जांच, पोषण संबंधी परामर्श और नियमित स्वास्थ्य जांच उपलब्ध कराई गईं। इस पहल का उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना था।

सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में किशोरियों की स्वच्छता और उनके स्वास्थ्य पर विशेष जोर दिया गया। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए स्वच्छता किट्स वितरित की गईं और उन्हें सही देखभाल के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण परिवारों को परिवार नियोजन के उपायों के प्रति जागरूक किया गया। विशेषज्ञों ने परिवार नियोजन के महत्व को समझाते हुए छोटे और स्वस्थ परिवार के लाभ बताए। स्वच्छता एवं पोषण दिवस ने ग्रामीण समुदायों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। इस पहल ने यह साबित किया कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य की स्थिति को सुधारने में प्रभावी हो सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग इस कार्यक्रम के माध्यम से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास कर रहा है। गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल, समय पर टीकाकरण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता से गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है।

इस कार्यक्रम ने ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता, पोषण और नियमित स्वास्थ्य जांच पर आधारित जागरूकता सत्र आयोजित किए गए।

विशेषज्ञों ने बताया कि स्वच्छता और पोषण से न केवल बीमारियों से बचा जा सकता है, बल्कि परिवारों का जीवन स्तर भी बेहतर होता है। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने कहा कि यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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