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*मुख्यमंत्री खेल ज्ञानोत्सव प्रतियोगिता 2025 का हुआ समापन*

– जेएनवी स्कूल समस्तीपुर के जैकी जावेद और दीपांकर बने विजेता

– स्कूली बच्चों के लिए इस तरह की क्विज प्रतियोगिता कराने वाला बिहार पहला राज्य बना

– *एक लाख से ज्यादा बच्चों ने कराया था रजिस्ट्रेशन

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार में पहली बार आयोजित ‘मुख्यमंत्री खेल ज्ञानोत्सव 2025’ के तहत क्विज प्रतियोगिता का गुरुवार को समाप्त हो गया। पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय फाइनल मुकाबले में जेएनवी स्कूल समस्तीपुर के जैफी जावेद और दीपांकर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं, दूसरे स्थान पर सेंट कैरेंस स्कूल, पटना के अंबर सिन्हा और इशा भूषा, तीसरे स्थान पर सिंड्रेला इंग्लिश स्कूल, दरभंगा की न्याशा श्रीवास्तव और ऋषभ कुमार तीसरे रहे। फाइनल मुकाबले में मुख्य अतिथि के तौर पर रेरा के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने शामिल हुए। उन्होंने सभी विजेताओं को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।

अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में पहली बार स्कूली बच्चों के लिए खेल संबंधित क्विज प्रतियोगिता आयोजित हुई। इन प्रतियोगिताओं से ना सिर्फ बिहार के बच्चों के बीच खेल के प्रति अभिरुचि और जागरूकता बढ़ रही है। बल्कि, राज्य में खेल संस्कृति का भी विकास होगा। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल के बच्चों के बीच इसकी लोकप्रियता और जागरूकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिहार के कोने-कोने से एक लाख से ज्यादा बच्चों ने प्रतियोगिता के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। गांव के बच्चों ने भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और काफी अच्छा प्रदर्शन किया।

विदित है कि खेल ज्ञानोत्सव प्रतियोगिता में बिहार के सरकारी और निजी स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के छात्र भाग ले रहे थे। इसका उद्देश्य छात्रों को विभिन्न खेलों, खिलाड़ियों की उपलब्धियों, खेलों के इतिहास, नियमों और इसके रोचक तथ्यों की जानकारी देना था। इसके लिए स्कूली बच्चों के बीच पहले जिला और प्रमंडल स्तर पर प्रतियोगिता हुई, जिसके विजेताओं के बीच राज्य स्तरीय फाइनल के रूप में लिखित और स्टेज राउंड प्रतियोगिता हुई।

बीएसएसए के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने कहा कि हैदराबाद के चिंतन शिविर में यह निर्णय लिया गया था कि स्कूली बच्चों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए ऐसी प्रतियोगिताएं होंगी। मनरेगा योजना को खेल से जोड़ कर बिहार में खेल के मैदान बन रहे हैं। बिहार की यह उपलब्धि अन्य राज्यों के लिए मिसाल बन गई है।

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