भ्रष्टाचार

*केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा को खा रहा भ्रष्टाचार का दिमक*

 

*मनरेगा योजना भ्रष्टाचार के नित नए कीर्तिमान को स्थापित किए जा रहे है।*

*मनरेगा योजना मे रोजगार की गारंटी हो ना हो लेकिन भ्रष्टाचार की पूर्ण गारंटी है।*

*सिकटा प्रखंड के सीरिसया पंचायत में मनरेगा योजना में मस्टरोल में बन रही मजदूरों की फर्जी हाजरी।*

*इस भ्रष्टाचार की खेल में मनरेगा कार्यालय से लेकर रोजगार सेवक एवं मुखिया की अहम भूमिका।*

*मनरेगा घोटाला*

 

*सिकटा* प्रखंड के *सीरिसया* पंचायत में मजदूरों की फर्जी हाजिरी का मामला प्रकाश में आया है।

डी एन सुक्ला/पश्चिमी चम्पारण।। *बेतिया।*बिहार में मनरेगा (MGNREGA) घोटाले का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के *सिकटा* प्रखंड के सीरिसया पंचायत में मनरेगा कार्यों में जबरदस्त धांधली का मामला प्रकाश में आया है।
*पंचायत सीरिसया* के कार्य कोड की बात करे तो:0512010/एफपी/20393883,0512010/एफपी/20393885,0512010/एफपी/20393887,0512010/एफपी/20393888,0512010/एभी/20451049,0512010/आरसी/20770773,0512010/आरसी/20786091
*वर्क नाम* – शमशान घाट से जगरनाथ साह के खेत तक बांध मनरम्मती कार्य।
*दूसरा*
जवाला पटेल के खेत से रामदर्शन साह के खेत तक बांध मरम्मती कार्य
*तीसरा*
ग्राम लाल प्रसा मे शमशान घाट मे मिट्टी भराई कार्य,
*चौथा*
वार्ड नंबर 12 मे तीजा दास के खेत से रघुवीर दास के गोवास तक मिट्टी भराई एवं ईंट सोलिंग निर्माण कार्य *पाँचवा*
वार्ड नंबर 12 मे बैधनाथ साह के खेत से तीजा दास के खेत तक मिट्टी भराई एवं ईंट सोलिंग निर्माण कार्य
हो रहा है।जिसका मस्टर रोल नंबर *289* से लेकर
*2303* है।
इस पंचायत में बिगत कई दिनों से फर्जी तरीकों से हाजिरी बनाई जा रही है। जब हमारी केवल सच न्यूज़ को मिली सूत्रों के हवाले से जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से यहाँ मजदुरों को बुलाकर फोटों खिंचकर डाली जा रही है और तो और एक ही मजदूर वाली फोटो को प्रतिदिन डाली जा रही है।जो की डाली गईं मजदूरों की फोटो मे आप देख सकते है, यह हम नही कह रहे है, डाली गई फोटो मे देख सकते है, और तो और डाली गईं फोटो मे मर्द को दिखाया गया है और हाजरी औरत के नाम से बनाया जा रहा है । इससे यह स्पस्ट हो रहा है की सिर्फ कागजों पर कार्यों को किया जा रहा है। इस मामले की खुलासा तो तब हुई जब हमारी टीम धरातल पर पहुँच कर स्थानीय लोगों और ग्रामीणों से जानकारी प्राप्त की।
*1.गवन* सरकारी पेपरों की बात करें तो प्रतिदिन 534से लेकर 629 मजदूरों की फर्जी हाजिरी पिछले कई दिनों से लगाई जा रही है। 17/04/25 से लेकर 01/04/25 तक हमारी टीम के द्वारा सिकटा प्रखंड की सिरिसिया पंचायत की जमीनी पड़ताल की गई जिसमें *8220* मजदूरों की हाजरी लगाई गई है जिसमें सिर्फ मजदूरी के नाम पर *20,96,100* रु बनता है जबकि सिर्फ पेपर पर कार्य हो रहा है,धरातल पर कुछ नही किया गया…

*महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चल रहे कार्यों में *बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा** सामने आया है। *फर्जी हाजिरी, मजदूरों की गैरमौजूदगी, और सरकारी धन के गबन* के मामले उजागर हुए हैं। इस भ्रष्टाचार से न केवल *सरकारी धन की लूट* हो रही है, बल्कि *गरीब मजदूरों के अधिकारों का भी हनन* किया जा रहा है। जबकि इस योजना में ग्रामीणों को 100 दिन की रोजगार की गारंटी दी जाती है जिस से वहां के स्थानीय लोगों का विकाश हो सके।
*प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत!*
इन गड़बड़ियों से यह साफ हो रहा है कि *स्थानीय प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधि, रोजगार सेवक और PO (प्रोग्राम ऑफिसर) की मिली भगत के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं हो सकता।*
✔ पंचायत प्रतिनिधियों की *अनदेखी या मिली भगत* इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।
✔ रोजगार सेवक *फर्जी हाजिरी लगाकर सरकारी धन की बंदरबांट* कर रहे हैं।
✔ *PO (प्रोग्राम ऑफिसर) की *भूमिका संदेह के घेरे में* है, क्योंकि बिना उनकी स्वीकृति के मजदूरी भुगतान संभव नहीं।

*कार्रवाई की मांग*
✔ इन घोटालों की *गहन जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई* की जाए।
✔ *फर्जी हाजिरी और फर्जी भुगतान* की उच्च स्तरीय जांच कर * धोखाधड़ी से निकाली जा रही राशि को वसूली जाए।**
✔ *मनरेगा योजनाओं की निगरानी के लिए पारदर्शी और जवाबदेही प्रणाली लागू की जाए।*

*इससे स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना की विश्वनिता को कटघरे में खड़ा कर रहा है।* पंचायत में भी रोजगार देने के नाम पर लूट हो रही है।इससे ज्यादा क्या कहूं। इस योजना को कामधेनु बनाने में सार्थक साबित होता दिख रहा है। अब सवाल यह उठता है कि,सरकार योजना बनाती है,उसे लागू कर राशि आवंटित भी करती है।इन योजनाओं को क्रियान्वयन के लिए विभाग के साथ ही अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ एक बड़ी फौज निगरानी के लिए नियुक्त की है। इसके बावजूद अधिकारी इस योजना पर निगरानी करने के वजाय इस योजना का कमाई का एक स्रोत मान बैठे हैं। ना विभाग के द्वारा भ्रष्टाचार्यों पर कोई कार्रवाई की जा रही है, जिसके कारण मनरेगा में आए दिन भ्रष्टाचार एक नए कृतिमान बना रहा है।सवाल यह उठता है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा भ्रष्टाचार की बलि चढ़ रहा है फिर भी ओहदेदार पदाधिकारी इस पर मौन धारण किए हुए

*रिपोर्ट: पश्चिमी चम्पारण।। केवल सच से डी एन शुक्ला

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