*यौन शोषण पीड़ित महिलाओं को मिलेगा इंसाफ – महिला सुरक्षा को लेकर जारी हुई एडवाइजरी।।….*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 10 अक्टूबर :: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यौन शोषण पीड़ित महिलाओं को मिलेगा इंसाफ – महिला सुरक्षा को लेकर जारी हुई एडवाइजरी। उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप-हत्या मामले के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पुलिस कार्रवाई सुनिश्चित करने का दिशा-निर्देश जारी की है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि महिला अपराध के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि एडवाइजरी में केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि ऐसे मामलो में एफआईआर अनिवार्य है। इसके अलावा आईपीसी और सीआरपीसी के वर्गों के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश है।
सूत्रों ने बताया कि एडवाइजरी में यह भी निर्देश है कि महिलाओं के अपराध में लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर अपराध पुलिस स्टेशन की सीमा से बाहर है, तो कानून में FIR ‘जीरो एफआईआर ’का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 166 ए (सी) के तहत एफआईआर दर्ज नहीं करने पर अधिकारी को सजा का प्रावधान है। गैंगरेप से जुड़े मामलों में, गृह मंत्रालय ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है, जहां से ऐसे मामलों पर नजर रखी जा सकती है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि एडवाइजरी में यह भी निर्देश है कि बलात्कार/यौन शोषण के मामले में पीड़िता की सहमति से पंजीकृत चिकित्सक 24 घंटे के अंदर सीआरपीसी की धारा 164-ए के अनुसार चिकित्सीय परीक्षण करेगा।साथ ही, ऐसे मामलों में भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 32 (1) के अनुसार, मृत व्यक्ति का बयान जांच में एक महत्वपूर्ण तथ्य होगा। फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय द्वारा किए गए बलात्कार मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने के लिए दिशा निर्देशों का भी पालन करें।