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किशनगंज : 251 अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकारों की सूची में डॉ. सजल

बिहार से केवल छह व्यंग्यकारों का हुआ चयन।”इक्कीसवीं सदी के 251 अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकार” पुस्तक का प्रकाशन शीघ्र

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, बहुप्रतीक्षित 251 अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकारों की सूची में बिहार के केवल छह व्यंग्यकार शामिल हो सके हैं जिनमें एक नाम मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सजल प्रसाद का है।व्यंग्य रचनाओं के आधार पर यह चयन हुआ है।डॉ. प्रसाद के अलावा बिहार के अभिजित दुबे, राम बहादुर चौधरी ‘चंदन’, विजयानंद विजय, विनोद कुमार विक्की एवं वीरेंद्र नारायण झा चयनित हुए हैं।डॉ. सजल प्रसाद इसके पूर्व ‘131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार’ की सूची के लिए भी चयनित हुए थे।21वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ व्यंग्य संचयन के लिए देश और विदेश के व्यंग्यकारों से व्यंग्य-रचनाएं आमंत्रित की गईं थीं जिसके आधार पर 251 रचनाओं का चयन किया गया है।मात्र दो महीने में चयन, संचयन और संपादन के उपरांत पुस्तक प्रकाशन के लिए तैयार है और इसका श्रेय जाता है व्यंग्य विधा के सर्वाधिक सक्रिय व्यंग्यकार डॉ लालित्य ललित व सुपरिचित व्यंग्यकार डॉ राजेश कुमार को।इनके नाम पहले भी कई चर्चित संचयन के कीर्तिमान हैं।इंडिया नेटबुक्स के निदेशक डॉ संजीव कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उन्हें इस अनमोल संचयन का प्रकाशन करते हुए अत्यंत गौरव का अनुभव हो रहा है।उन्होंने बताया कि इस संकलन को तैयार करने के दौरान मॉरीशस स्थित विश्व हिंदी सचिवालय ने विश्व को पाँच हिस्सों में बाँटकर अंतरराष्ट्रीय व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया और हमें उन विजेताओं में से सभी प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले व्यंग्यकारों तथा अन्य विजेताओं की रचनाएँ इस संकलन में आपके लिए प्रस्तुत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।ये रचनाकार हैं-कुसुम नैपसिक (अमेरिका), मधु कुमारी चौरसिया (युनाइटेड किंगडम), वीणा सिन्हा (नेपाल), चांदनी रामधनी ‘लवना’ (मॉरीशस), राकेश शर्मा (भारत) जिन्होंने प्रथम पुरस्कार जीते और आस्था नवल (अमेरिका), धर्मपाल महेंद्र जैन (कनाडा), रोहित कुमार ‘हैप्पी’ (न्यूज़ीलैंड), रीता कौशल (ऑस्ट्रेलिया) ने अन्य पुरस्कार हासिल किए।इनके अलावा विदेश से शामिल होने वाले व्यंग्यकार हैं- तेजेन्द्र शर्मा (युनाइटेड किंगडम), प्रीता व्यास (न्यूज़ीलैंड), स्नेहा देव (दुबई), शैलजा सक्सेना, समीर लाल ‘समीर’ और हरि कादियानी (कनाडा) एवं हरिहर झा (ऑस्ट्रेलिया)। इन व्यंग्यकारों की भागीदारी से यह संकलन सही मायनों में अंतरराष्ट्रीय संकलन बन गया है।डॉ लालित्य ललित ने जानकारी दी कि भारत से इस संकलन में 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यंग्यकारों ने शिरकत की है।इनमें से सबसे अधिक व्यंग्य के पुरोधा हरिशंकर परसाई के राज्य मध्य प्रदेश से 65 हैं। इसके बाद क्रमशः हैं- उत्तर प्रदेश से 39, नई दिल्ली से 32, राजस्थान से 32, महाराष्ट्र से 18, छत्तीसगढ़ से 12, हिमाचल प्रदेश से 8, बिहार से 6, हरियाणा से 4, चंडीगढ़ से 3, झारखंड से 4, उत्तराखंड से 4, कर्नाटक से 4, पंजाब से 2, पश्चिम बंगाल से 2, तेलंगाना से 2, तमिलनाडु से 1, गोवा से 1एवं जम्मू-कश्मीर से 1 हैं।और, अगर स्त्री और पुरुष लेखकों की बात करें तो इसमें 51 व्यंग्य लेखिकाएँ शामिल हुई हैं।इस बहु-प्रतीक्षित व्यंग्य संचयन में डॉ सूर्यबाला, हरि जोशी, हरीश नवल, सुरेश कांत, सूरज प्रकाश, प्रमोद ताम्बट, जवाहर चौधरी, अंजनी चौहान, अनुराग वाजपेयी, अरविंद तिवारी, विनोद साव, शांतिलाल जैन, श्याम सखा श्याम, रमेश सैनी, मुकेश नेमा, सुधाकर अदीब, स्नेहलता पाठक, स्वाति श्वेता, सुनीता शानू में शामिल हैं।डॉ संजीव कुमार ने बताया कि संचयन प्रेस में चला गया है और चंद दिनों में प्रकाशित होकर पाठकों के सम्मुख होगा। जल्द ही यह अमेज़न व फ़्लिपकार्ट पर उपलब्ध होगा।

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