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किशनगंज : जिले के कोचाधामन प्रखंड में लगा मेला, लोगों में बांटी गई परिवार नियोजन की अस्थायी सामग्री।

जिले में 24 तक चलेगा परिवार मिशन अभियान, होंगे कई तरह के कार्यक्रम।

  • अभियान के तहत लोगों को परिवार नियोजन के प्रति किया जा रहा जागरूक।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में परिवार मिशन अभियान के तहत गुरुवार को कोचाधामन प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अलता में परिवार नियोजन मेला लगाया गया। मेले का उद्घाटन एसीएमओ डॉ. सुरेश प्रशाद एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनामुल हक़ ने किया। मेले में कई तरह के स्टॉल लगे थे, जहां पर लोगों को परिवार नियोजन को लेकर जागरूक करने से लेकर अस्थायी सामग्री तक का वितरण किया गया। परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने को लेकर मेले में स्टॉल लगे थे, जहां पर आने वाले लोगों की काउंसिलिंग की जा रही थी। मौके पर जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक किशोर कुमार, एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित हुए। एसीएमओ डॉ. सुरेश प्रशाद ने बताया कि परिवार मिशन अभियान को दो चरणों में चलाया जाना था, जिसका पहला चरण समाप्त हो गया है। पहले चरण के तहत 05 से 11 सितंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह चला। इस क्रम में 05 से 09 सितंबर पांच दिनों तक परिवार नियोजन के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से ई. रिक्शा (सारथी रथ) के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देश के अनुसार और स्थानीय स्तर पर तैयार रूट चार्ट के मुताबिक जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया गया। ई. रिक्शा पर संबंधित क्षेत्र की आशा फैसिलिटेटर ने प्रचार-प्रसार का काम किया। लोगों को गर्भनिरोधक गोली, कंडोम इत्यादि सामग्री बांटी गई। इसी के तहत गुरुवार को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अलता में मेला लगाया गया। दूसरे चरण में महिलाओं का बंध्याकरण किया जाएगा। साथ ही पुरुष नसबंदी भी की जाएगी। इसे लेकर दंपति संपर्क का आयोजन हो चुका है। इस दौरान योग्य दंपतियों का चयन आशा कार्यकर्ताओं ने किया है। इनमें से कुछ लोगों का रजिस्ट्रेशन भी किया गया है ऑपरेशन के लिए। इसके अलावा लोगों को परिवार नियोजन की सामग्री भी उपलब्ध करवाई जाएगी। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि अस्थायी साधनों के इस्तेमाल से परिवार नियोजन में मदद मिलती है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इसलिए अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में किसी तरह का संकोच नहीं करें। कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा का उपयोग कर परिवार नियोजन करें। महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पहला बच्चा 20 साल के बाद ही पैदा करें। साथ दी दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूर रखें। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। साथ ही बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है, जिससे वह भविष्य में होने वाली किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है। दो बच्चे हो जाने के बाद महिला बंध्याकरण या फिर पुरुष नसबंदी करा सकते हैं। इसे लेकर लगातार कार्यक्रम चलते रहते हैं। कार्यक्रम के तहत सरकारी स्तर पर लोगों को तमाम सुविधाएं दी जाती हैं। प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक किशोर कुमार ने बताया कि छोटा और खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन को अपनाना बेहद जरूरी है। जब आपका परिवार छोटा होगा तभी आपके पूरे परिवार के सपनों को साकार किया जा सकता है। इसके साथ ही आने वाली पीढ़ियों का उचित देखभाल एवं परवरिश भी की जा सकती है। छोटे बच्चों को सामाजिक स्तर पर रहन-सहन के साथ परवरिश की जाएगी। इसीलिए शादी के साथ ही परिवार नियोजन से संबंधित योजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।कोचाधामन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनामुल हक ने बताया कि मेले में काफी संख्या में स्थानीय क्षेत्र के ग्रामीण आए हुए थे, जिन्हें सीमित परिवार सुखी का आधार, हम दो हमारे दो जैसे स्लोगन के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया। जागरूक करने के साथ-साथ परिवार नियोजन को लेकर अस्थायी सामग्री जैसे कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा दी गई। आगामी 24 सितंबर तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की आशा कार्यकर्ताओं से डोर टू डोर भ्रमण कर जागरूक करने के लिए कहा गया है। ताकि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा सके।

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