खेलो इंडिया में बिहार का ऐतिहासिक प्रदर्शन, बिहार की बेटियां बनी मिशाल खेल में घोटालेबाज़ी का प्रतीक “तेजस्वी माॅडल“

मुकेश कुमार/बिहार में पहली बार आयोजित ‘‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025’’ का भव्य और ऐतिहासिक समापन हुआ। इस अवसर पर जनता दल (यू0) के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में माननीय विधान पार्षद एवं पाटÊ के मुख्य प्रवक्ता श्री नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा, खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री कुमार विजय, एवं छात्र जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री कृष्णा पटेल ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया।
नीतीश कुमार जी का ‘‘बेटी सशक्तिकरण माॅडल’’ – अब नतीजों में दिखता है।
प्रवक्ताओं ने बताया कि बिहार की बेटियों ने इस बार 5 स्वर्ण पदक जीतकर यह सिद्ध कर दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्षों से अपनाया गया बेटी सशक्तिकरण माॅडल अब केवल नारा नहीं, बल्कि ज़मीनी सच्चाई बन चुका है। रग्बी और थांग-ता जैसे उपेक्षित खेलों में भी बेटियों का शानदार प्रदर्शन यह दिखाता है कि जब नीति और नियत स्पष्ट हो, तो सीमित संसाधनों में भी असाधारण सफलता संभव है।
तेजस्वी यादव का ‘‘खेल पुरस्कार प्रहसन’’ कृ राजनीतिक संरक्षण का शर्मनाक उदाहरण
इस मौके पर प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव द्वारा वर्ष 2003 में अवैध रूप से प्राप्त ‘खेल कृत्य पुरस्कार’ पर तीखा प्रहार करते हुए कहाः
जब तेजस्वी जी मात्र 13-14 वर्ष के थे, तब मुख्यमंत्री माता और रेल मंत्री पिता के संरक्षण में उन्हें यह पुरस्कार दिलवाया गया। जिस मंच पर दो पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता दिव्यांग खिलाड़ी बाबर अराफ़ात को सम्मान मिला, उसी मंच पर तेजस्वी जी भी थे कृ आप क्या लेकर आए थे? लोटा? यह पुरस्कार अब अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय में ‘राजनीतिक जालसाज़ी’ का नमूना बन चुका है।
बिहार का रिकाॅर्ड तोड़ प्रदर्शन – आँकड़ों में देखिए प्रगति
बिहार ने कुल 36 पदक प्राप्त किए – जिनमें 7 स्वर्ण, 11 रजत, और 18 कांस्य पदक शामिल हैं। वर्ष 2018 में जहां बिहार की रैंकिंग 28वीं थी, वहीं 2025 में हम 15वें स्थान पर पहुँचे कृ यह एक क्रांतिकारी छलांग है। ‘‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’’ योजना के अंतर्गत सैकड़ों खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई – यह सुविधा देश में सिर्फ बिहार में है। राजगीर, पटना, बेगूसराय और भागलपुर जैसे शहरों में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन हुआ।
खेल अवसंरचना और सुशासन – बिहार बना माॅडल स्टेट
बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जो खिलाड़ियों को पदक जीतने पर सात दिनों के भीतर सरकारी नौकरी देता है।
हमारे पास राजगीर का वल्र्ड क्लास स्टेडियम, पाटलिपुत्र स्पोट्र्स काॅम्प्लेक्स, और अब खेल विश्वविद्यालय – ये सभी नीतीश कुमार जी की दूरदशÊ सोच के प्रमाण हैं।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने न केवल खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के आयोजन को ऐतिहासिक बनाया, बल्कि युवाओं में खेल संस्कृति का बीज बोया। यह बिहार के बदलते चेहरे और खेलों में उभरती ताकत का प्रतीक है। नीतीश सरकार का लक्ष्य बिहार को देश का खेल पावरहाउस बनाना है, और यह आयोजन उस दिशा में एक बड़ा कदम है।
(संजय कुमार सिन्हा)
कार्यालय सचिव