प्रमुख खबरें

पथ निर्माण विभाग के द्वारा आयोजित पुलों के सुरक्षा एवं ऑडिट विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सभागार कक्ष में माननीय पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नबीन के कर कमलों द्वारा शुरू की गई।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/इस कार्यक्रम में पथ निर्माण विभाग के कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्येश्य अभियंताओं को पुलों के रख रखाव, उनकी सतत निगरानी एवं संरचनात्मक दृष्टिकोण से उन संरचनाओं को लंबी आयु तक क्रियान्वित रखने के लिए आधुनिक तकनीक तथा विश्व में अपनायी जा रही नवीनतम तकनीक से रूबरू कराया जाना है।

पथ निर्माण विभाग के द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्येश्य यह भी है कि अभियंताओं को पुल संधारण की उपयोगिता बतायी जाय जिससे पुलों की क्षति को रोका जा सके।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए माननीय पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नबीन ने संबोधित करते हुए कहा कि नये पुलों का निर्माण जितना आवश्यक है उतना ही पुराने पुलों के संरचनाओं को सुदृढ़ एवं उसका संधारण करना भी आवश्यक है। इस कार्य व्यवहार से राज्य के संसाधन का ह्रास नहीं होगा तथा आम जनमानस को उनके आवागमन में तकलीफ नहीं होगी। माननीय मंत्री ने विभागीय अभियंताओं को सतत रूप से दक्ष बनाने और नवीनतम तकनीक से परिचित कराने के लिए इस पहल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री, बिहार ने बिहार राज्य में संरचनाओं के विकास में जो स्तंभ रखा है उसे संरक्षित किए जाने की जरूरत है। सिर्फ नये परियोजनाओं का क्रियान्वयन ही उद्येश्य ना हो बल्कि जितनी भी परियोजनाएंे अबतक माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार राज्य में क्रियान्वित हुई है उनका संरक्षण सतत अनुश्रवण एवं त्वरित रूप से आई कमियों का निराकरण आवश्यक है। इस क्रम में सुनियोजित पुल संधारण व्यवस्था के संबंध में उन्होंने बताया कि प्रभावी कार्यान्वयन के लिए यह आवश्यक है कि सभी अभियंता तकनीकी प्रक्रियाओं से पूरी तरह परिचित हों।

उन्होंने कहा कि अभियंताओं के कौशल संबर्धन के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण नियमित रूप से आयोजित किया जाय। ताकि पुलों की देखरेख और संधारण की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी एवं वैज्ञानिक ढंग से की जा सके। मंत्री ने यह भी कहा कि श्संरचनात्मक ऑडिट रिपोर्ट विभाग के लिए एक मूल्यवान डेटा बैंक की तरह कार्य करेगाए जिससे आगे की योजना एवं नीतिगत निर्णयों में सहायता मिलेगी।

इस मौके पर बीएसआरडीसीएल के प्रबंध निदेशकए श्री शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि अभियंता इस प्रशिक्षण से जो कुछ सीखेंए उसे अपने फील्ड के काम में ज़रूर लागू करें। उन्होंने बताया कि कई पुलों का ऑडिट काम पहले ही शुरू हो चुका है और जल्द ही बाकी पुलों पर भी यह काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम भविष्य में भी चलते रहेंगेए ताकि राज्य के पुलों का संधारण और मजबूत तरीके से हो सके।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में Physical Condition Survey, Bridge Safety Audit, पुलों की जांच की प्रक्रिया और आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल जैसे कई तकनीकी विषयों पर विशेषज्ञों एवं विभाग के वरीय अभियंताओं द्वारा कार्यशाला में हिस्सा ले रहे विभागीय अभियंताओं को प्रशिक्षित किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button