बिहार राज्य आँगनबाड़ी कर्मचारी युनियन गडहनी ने सौंपा स्थानीय विधायक प्रभुनाथ प्रसाद को मांग पत्र।।……..

गुड्डू कुमार सिंह :-बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन गड़हनी भोजपुर द्वारा अपनी 17 सुत्री मांग पत्र की मूल प्रति विधायक प्रभुनाथ प्रसाद को सौंपा गया। संघ की अध्यक्षा ने विधायक प्रभुनाथ प्रसाद से कहा कि मांगों को सरकार तक पहुंचाने में हमारी मांगों पर विचार करने के लिए सरकार को ध्यान आकर्षित करवाने के लिए हम नारियों की आवाज बने।इस दौरान आशा सिन्हा अध्यक्ष, अर्चना कुमारी कोषाध्यक्ष बिंदु कुमारी सरमिला खातून जनक देवी रीना कुमारी सुशीला देवी गुड़िया कुमारी आशा देवी सीता मुन्नी देवी गीता कुमार शारदा देवी कंचन देवी सुनील कुमार आशा देवी गीता देवी दुर्गावती आरती उषा कुमारी कुसुम देवी सभी लोग मौजूद रहे।
बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति बिहार पटना कोविड-19 का बढ़ते प्रकोप और मानवीय अस्तित्व पर उत्पन्न विश्वव्यापी संकट के दौर में सरकार के द्वारा महामारी से निपटने के लिए उठाए जा रहे सभी प्रयासों के प्रति अपने पूर्ण निष्ठा व्यक्त करती हैं। अपने सहयोगी कर्मियों जो कोविड-19 के जंग से लड़ते हुए जनहित में अपनी जीवन समाप्त कर चुके हैं उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हैं।आज भी कोविड 19 का प्रकोप जारी है। हमारे आंगनबाड़ी कर्मी सरकार के साथ क्षमता अनुरूप कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रहे हैं कार्य के दौरान कुछ समस्याएं कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां उत्पन्न हुई है साथ ही जीविका एवं अतिथियों को लेकर भी पूर्व से ही संकट बरकरार है। ऐसी परिस्थिति में संयुक्त संघर्ष समिति अपने 1 जून की राज्य स्तरीय बैठक में 17 सूत्री लंबित मांगों की पूर्ति हेतु सरकार व विभाग का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए राज्य व्यवस्था चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया है जो निम्नलिखित है
17 सूत्री मांग इस प्रकार है जो निम्नलिखित है:-
बिहार राज्य आंगनबाड़ी संजीव संघर्ष समिति डीबीटी का स्वागत करती है किंतु बड़ी संख्या में सीधे ऑनलाइन पंजीकृत अपात्र लाभार्थियों से असामान्य स्थिति उत्पन्न हो गई है अतः इसे रद्द करते हुए डीबीटी हेतु पंजीकृत लाभार्थी की सूची सेविकाओं से प्राप्त कर सत्यापन का कार्य परियोजना कार्यालय स्तर से किया जाए ताकि सत्यापन के क्रम में सेविका पर पात्र अपात्र लाभुकों को छटनी का लग रहे आरोप से उत्पन्न विवाद और उनके दुष्परिणामों से सेविका को बचाया जा सके।
बिहार राज्य आंगनबाड़ी संजीव संघर्ष समिति डीबीटी विद्युत केंद्र बंद रखने तक उचित मानती है परंतु इसका आस्था न्याय संगत नहीं है इससे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अवहेलना होगा साथ आंगनबाड़ी अस्तित्व पर खतरा भी उत्पन्न होगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के कुपोषण संबंधित निर्देश एवं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की गुणवत्ता पूर्ण शोषण संबंधित निर्देशों व मानकों का उल्लंघन होगा डीबीटी से वास्तविक लाभार्थियों को उचित पोषण प्राप्त नहीं होगा और कुपोषण बढ़ेगी अतः हमें विधिवत केंद्र संचालित होने के साथ ही समाप्त किया जाए।
आईसीडीएस के 6 सेवाओं के अलावा सेविका से कोई अतिरिक्त सेवा नहीं ली जाए यथा चुनाव कार्य बीएलओ कार्य तथा लाभार्थी अपलोडिंग आदि।
खराब मोबाइल चार्जर तथा डाटा केबल परियोजना में जमा कराकर नया गुणवत्तापूर्ण मोबाइल दिया जाए या सरकारी खर्च पर उसकी मरम्मत कराई जाए।
पिछले आंदोलन से अब तक विभिन्न जिलों के सेविका सहायिका ऊपर दर्ज मुकदमा वापस लिया जाए एवं चयन मुक्त सेविकाओं की सेवा अभिलंब बहाल की जाए।
टीकाकरण की प्रोत्साहन राशि और केंद्र संचालन के संदर्भ में कार्यालय वह की राशि पूर्व की भांति सेविका को दी जाए।
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए सेविका को क्लास 3 तथा सहायिका को क्लास फोर में समायोजित किया जाए।
जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता है कब तक सेविका को 210000 तथा सहायिका को15000 मानदेय राशि दी जाए।
54 दिन हड़ताल उपरांत 16 मई 2017 को हुए समझौते के आलोक में लंबित मांगों को शीघ्र निष्पादन किया जाए।
गोवा तेलंगाना वह अन्य राज्यों की भांति बिहार सरकार द्वारा भी 10.00.000 सहायता राशि एवं बीमा का लाभ सुनिश्चित किया जाए।
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का चयन मार्गदर्शिका एवं दंड निरूपण की प्रक्रिया कानून सम्मत बनाया जाए।
4 घंटे से अधिक काम करने के लिए मजबूर ना किया जाए अन्यथा काम का समय 8 घंटा निर्धारित किया जाए।
समान काम के लिए समान वेतन प्रणाली लागू किया जाए तथा मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं को भी समान मानदेय दिया जाए।
प्रत्येक 5 वर्ष पर हनुमान ने वेतन वृद्धि का लाभ सभी योग्य सेविका एवं सहायिकाओं को अविलंब दिया जाए तथा इसके अंतर राशि का भी भुगतान किया जाए।
खगड़िया सदर तथा बोधगया से विटामैक्स बंद किया जाये।
आदि मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठी सेविका सहायिका ने विधायक प्रभुनाथ प्रसाद को सौंपा मांग पत्र।