बिहार:-पटना हाईकोर्ट ने भोजपुर डीएम को मुआवजा राशि के साथ कोर्ट मे उपस्थित होने का दिया आदेश।….

गुड्डू कुमार सिंह आरा : पटना हाइकोर्ट ने गडहनी प्रखण्ड के हदियाबाद गांव मे निवर्तमान सीओ उदयकान्त चौधरी द्वारा बगैर किसी प्रक्रिया के घर तोड़े जाने के मामले पर नाराजगी जताते हुए भोजपुर डीएम राज कुमार को मुआवजा राशि का चेक के साथ कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।बताया गया कि जस्टिस मोहित कुमार शाह ने रमाकांत सिंह की याचिका पर अपनी फैसला सुनाई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गोपाल कृष्ण मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि बगैर किसी आदेश के याचिकाकर्ता का घर तोड़ दिया गया।उनका कहना था कि गड़हनी सीओ ने बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए घर को तोड़ दिया था।जिसके आलोक मे पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद भोजपुर डीएम ने मामले की जांच कराई थी।
उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश पर भोजपुर डीएम ने मकान तोड़े जाने को लेकर क्षतिपूर्ति का आंकलन कर मुआवजा राशि देने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। क्षतिपूर्ति राशि का आकलन करने के बजाय कमेटी ने अपने रिपोर्ट में कहा कि गैर मजरूवा आम जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण किया गया था, जिसे सीओ के आदेश से हटा दिया गया था। याचिकाकर्ता किसी प्रकार का क्षतिपूर्ति मुआवजा पाने का हकदार नहीं है।कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बगैर किसी आदेश के किसी का घर तोड़ा नहीं जा सकता। चाहे वह गैरमजरूआ जमीन पर ही क्यों ना बना हो। कोर्ट ने पांच सदस्य कमेटी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश डीएम, भोजपुर को दिया। साथ ही अगली तारीख पर डीएम को क्षतिपूर्ति का आकलन कर मुआवजा राशि का चेक लेकर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया। मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 11 सितंबर, 2023 को तय की गई।
बताते चले कि पूर्व मे बिहार सरकार के संयुक्त सचिव कंचन कपूर ने पत्र जारी कर निर्वतमान गडहनी अंचलाधिकारी उदयकान्त चौधरी को निलम्बित कर दिया था।गडहनी सीओ पर गडहनी प्रखण्ड के इचरी पंचायत अन्तर्गत हदियाबाद गांव मे अतिक्रमण के मामले मे रामाकांत सिंह के द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया गया था।जिसे जिलाधिकारी भोजपुर राजकुमार ने अपने पत्रांक 937 दिनांक 30 जुन 2023 के माध्यम से प्रेषित आरोप पत्र मे अतिक्रमण वाद संख्या 20/21-22 के अभिलेख विधिवत संधारित नही किये जाने, बिहार अभिलेख हस्तक 1941 के नियम 129 के तहत आदेश फलक का संधारण नहीं किये जाने, बिहार लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम, 1956 की धारा-3 (1) तथा 6 ( 2 ) के अंतर्गत नोटिस निर्गत नहीं किये जाने, धारा 6 (1) के अंतर्गत विधि सम्मत आदेश पारित नहीं किये जाने, माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा सीडब्लूजेसी नं0-16540 / 2022 रामा कान्त सिंह बनाम बिहार राज्य सरकार एवं अन्य में 19 जुन 2023 को पारित न्यायादेश के अनुपालन में उप समाहर्त्ता, भूमि सुधार, सदर आरा द्वारा समर्पित जॉच प्रतिवेदन के आधार पर निलंबित करने की अनुशंसा सहित आरोप प्रतिवेदित किये गये थे।जिला पदाधिकारी, भोजपुर द्वारा प्रतिवेदित गंभीर आरोपों एवं माननीय पटना उच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा श्री चौधरी को निलंबित किया गया था।नियम 9(1) के प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था।