*आवंटित बजट ही नहीं खर्च कर पाती बिहार सरकार तो अनुपूरक बजट का क्या है औचित्य: डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह*
*पिछले 5 वर्षों में मूल बजट भी नहीं खर्च कर पाई बिहार सरकार: डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह*
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ऋषिकेश पांडे-बिहार सरकार पिछले पांच वर्षों में मूल बजट भी खर्च नहीं कर पाई है और सरकार अनुपूरक बजट जारी कर दिखावा करने का कुत्सित प्रयास किए जा रही है। व्यय नहीं होने की स्थिति में पैसे वापस लौट जा रहे हैं और जनता को मुगालते में रखकर केंद्र और राज्य साकार अपनी वाहवाही करवा रही है। ये बातें बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कही।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि 2018 से लेकर 2023 तक के बजट के आंकड़ों का अध्ययन करने पर साफ दिखता है कि मूल बजट भी बिहार सरकार खर्च नहीं कर पाती है और वो रकम वापस लौट जाती है। बावजूद इसके हर साल अनुपूरक बजट जारी करने का दिखावा किया जाता है जिसका सार्थक इस्तेमाल तक राज्य सरकार नहीं कर पाती है। बिहार के आम नागरिकों के साथ ऐसे आंकड़ों को बजट के रूप में पेश करके लगातार छलावा किया जा रहा है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के नेताओं द्वारा केवल ख्याली पुलाव पकाकर दिवास्वप्न दिखाया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि 2022-23 में 66509.62 करोड़ रुपए वापस गए जबकि कुल आवंटित राशि 301686.46 करोड़ रुपए हुए थे जिनका पूरा उपयोग भी बिहार साकार नहीं कर सकी थी। बिहार का विकास करने का दावा करने वाली ये डबल इंजन की एनडीए सरकार समझ ले कि वो बिहार के लोगों की मासूमियत का बेजा फायदा न उठाएं और तथ्यों पर बात करें। बिहार को स्पेशल पैकेज और स्टेटस की बात करने वाले ये समझ जाएं कि उनकी नीति आम बिहारी समझ चुके हैं और इनके कथनी करनी का फर्क भी ये आंकड़े बता रहे हैं। ऐसे में बिहार के लोगों को छलने और ठगने का काम अविलंब नीतीश भाजपा की सरकार को बंद कर देना चाहिए।