बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता आनन्द माधव ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि, लगता है कि बिहार में सब कुछ थम गया है, सिवाय अपराध और भ्रष्टाचार के।
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त्रिलोकी नाथ प्रसाद /उन्होंने कहा कि मात्र दो तीन दिनों का अखबारों के हेडलाइन देख लीजिये समझ में आ जायेगा कि यहाँ क्या चल रहा है। कानून का राज स्थापित करनें वाले आज अपराधियों के समक्ष नतमस्तक हैं।
ये कुछ उदाहरण हैं अखबारों से-
१. मधुबनी में बीए की छात्रा से हैवानियत, वारदात के बाद गले में फंदा डालकर मार डाला
२. पटना में लुधियाना की आर्केस्ट्रा डांसर का गैंगरेप; 6 युवकों ने की हैवानियत
३. पटना में दहेज के लिए गर्भवती महिला की हत्या, पति समेत ससुरालवालों पर मामला दर्ज
४. गोपालगंज में तीन युवकों ने नाबालिग का किया गैंगरेप, स्कूल भवन में वारदात को दिया अंजाम
५. पटना में 10 वर्षीय छात्र ने की आत्महत्या, परिजनों ने लगाया गांव के युवकों पर हत्या आरोप
६. सारण में ट्रिपल मर्डर: एक परिवार के तीन लोगों की चाकू से गोदकर हत्या, मचा हड़कंप
७. वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता की हत्या, आदि ।
ये कुछ घटनायें पिछले दो-तीन दीनों की ही हैं। घटनायें और भी घट रही हैं और लगातार घट रही हैं। अखबार के लगभग हर पन्नें पर अपराध की घटना आपको नजर आयेगी, चोरी, छिनतई से लेकर हत्या एवं बलात्कार तक।कोई भी आज बिहार में अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहा। जंगलराज-जंगलराज का चालिसा पढनें वाले लोग आज महाजंगलराज स्थापित कर चुके हैं। हर तरफ, हर जगह अराजकता का माहौल है। मुख्यमंत्री महोदय, डीजीपी साहब को कडी कार्यवाही करनें का निर्देश दे रहे पर साहब भारत सरकार के गृह मंत्रालय के गलियारे में चक्कर लगाते नजर आ रहे। जनता समझ रही है, कि प्रशासन कितना गंभीर है अपराध नियंत्रण के प्रति। ये खोखले अश्वासन हैं, खोखली दलील है क्योंकि बिहार में अपराध रूकनें का नाम नहीं ले रहा।एक ओर जहाँ अपराधियों का तांडव जारी है, वहीं दूसरी ओर साहब लोगों के पांव पकडनें में लगे हैं और मंत्रीगण भ्रष्टाचार में लिप्त।
श्री माधव ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से अपील करते हुए कहा है कि अपराध एवं भ्रष्टाचार पर नियंत्रण राज्य कि पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। जो सिर्फ बयानबाजी से नहीं होगा। अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखना चाहिये। पर ऑकडे ये नहीं कहते। कृपया कथनी और करनी ता फर्क मिटायें एवं बिहार को अपराध मुक्त बनायें।