CID Jharkhand

बड़ा खुलासा ; अमन सिंह हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी ; धनबाद जेल में हुए गैंगेस्टर अमन सिंह हत्याकांड की परत-दर-परत खोलती सीआईडी की रिपोर्ट

चन्द्र शेखर पाठक, सहायक संपादक

धनबाद // धनबाद जेल में हुए गैंगस्टर अमन सिंह हत्याकांड की जांच कर रही झारखंड सीआईडी की रिपोर्ट ने मामले की परत-दर-परत खोलकर रख दी है. अपने पूरक चार्ज शीट में सीआईडी ने मामले की पूरी इनसाइड स्टोरी सामने ला दी है. वर्ष 2023 की तीन दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह को धनबाद जेल में गोलियों से भून दिया गया था, जहां मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. धनबाद जेल में बंद अमन सिंह को मारने के लिए मोबाइल पर कोड वर्ड में दो ब्रेटा पिस्टल जेल के बाहर से मंगाये गये थे। जेल सिपाही शिव स्नेही ने गेट पर पिस्टल को रिसीव किया था, जबकि जेल जमादार जितेंद्र सिंह ने खाने के पैकेट में भरकर पिस्टल और गोलियों को विकास बजरंगी के वार्ड तक पहुंचाया था. सीआईडी की पूरक चार्जशीट के अनुसार, यूपी जौनपुर निवासी राहुल सिंह राजपूत ने जांच एजेंसी को दिये गये बयान में उक्त अहम जानकारी दी है। सीआईडी ने धारा 164 के तहत राहुल सिंह का बयान कोर्ट में दर्ज कराया है. इस मामले में अब तक रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो, विकास कुमार उर्फ विकाश बजरंगी, सतीश कुमार उर्फ गांधी, चंदन यादव उर्फ ब्रजेश यादव, सहजाद कुरैशी, बंटी उर्फ धनु वर्मा, पिंटू सिंह उर्फ जयनेंद्र कुमार, अभिमन्यु कुमार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है.

राहुल ने सीआईडी को बताया कि हत्याकांड से एक माह पहले कतरास के कोयला कारोबारी मनोज यादव की हत्या में धनबाद जेल में बंद विकास बजरंगी और अमन सिंह के बीच विवाद हुआ था। अमन सिंह ने विकास के घरवालों को जान से मारने की धमकी दी थी, तो विकास ने भी अमन को मारने की चेतावनी दे डाली थी। मर्डर से कुछ ही दिन पहले अमन सिंह का करीबी राहुल सिंह अपने गैंग के वैभव यादव से मिलने विकास बजरंगी के वार्ड में गया था। उस दिन उसने विकास को किसी से फोन पर बातचीत करते सुना था. विकास किसी से कोड वर्ड में कह रहा था कि दो सेट और 40 चना भेज देना. खाने के पैकेट में डाल कर गेट पर सिपाही स्नेही को देने का निर्देश दिया था. एक घंटे बाद जमादार जितेंद्र सिंह वहां पर थैला में खाने का पैकेट लेकर पहुंचा था. सीआईडी जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि स्टोर रूम में सब्जी के झोले में छिपा कर पिस्टल रखे गये थे.

सेवक सुंदर महतो ने ही अमन सिंह को भून डाला – गैंगस्टर अमन सिंह को अपनी जान का खतरा था, इसलिए वह अपने आसपास किसी को फटकने तक नहीं देता था. जेल में गिने-चुने लोग ही उसके वार्ड से बाहर आने के बाद उससे मिलते व बात करते थे, लेकिन रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो जेल के अंदर आते ही उसका करीबी बन गया था. सूत्रों का कहना है कि 25 नवंबर को रितेश जेल में आया. जेल आने के दो दिन के बाद ही रीतेश अमन सिंह का सेवक बन गया. वह अमन सिंह का पैर दबाने का काम करता था, लेकिन अमन को भनक तक नहीं लगी थी कि जो उसका पैर दबा रहा है वही उसकी हत्या भी कर देगा. सुंदर ने अमन को गोलियों से भून डाला था. वह जानबूझकर बाइक चेकिंग के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ जेल के अंदर आया था. पकड़ाने के दौरान सुंदर ने अपने नाम के आगे महतो लगाकर खुद को स्थानीय बताया था. शातिराना अंदाज में वह जेल पहुंचा और गैंगस्टर का काम तमाम कर दिया. गहन जांच में खुलासा हुआ था कि वह कोई अदना सुंदर महतो नहीं बल्कि रितेश यादव है.

इस रिपोर्ट में हुए खुलासे के साथ ही धनबाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है. आखिर कैसे अपराधियों की साजिश के आगे जेल की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई और गैंगेस्टर अमन सिंह हत्याकांड को अंजाम दिया गया . हालांकि धनबाद को अपराध मुक्त बनाने के लिए झारखंड पुलिस लगी हुई है. भगौड़े गैंगस्टरों की गिरफ़्तारी के लिए एक विशेष अभियान चला रही है, फिर भी धनबाद को अपराध मुक्त बनाने के लिए सतत एवं गंभीर अभियान की जरूरत है.

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