बेल्ट्रॉन बना बिहार सरकार का डिजिटल स्तंभ और कुशल मानव संसाधन का सेतु
त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार सरकार के विकास यात्रा में बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड एक अहम कड़ी बन चुका है। राज्य के विभिन्न विभागों में प्रखंड से लेकर सचिवालय स्तर तक लगभग 19,000 से अधिक कुशल मानव संसाधन बेल्ट्रॉन के जरिए कार्यरत हैं। इनमें डेटा एंट्री ऑपरेटर, प्रोग्रामर और स्टेनोग्राफर जैसे पद शामिल हैं, जो शासन-प्रशासन की सुचारू व्यवस्था और पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की “रोजगार के जरिए सशक्त बिहार” की परिकल्पना को बेल्ट्रॉन ने हकीकत में बदला है। इस संस्था ने न केवल रोजगार सृजन में अहम योगदान दिया है बल्कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के युवाओं को अवसर देकर प्रशासनिक कार्यों में सीधा जुड़ने का अवसर भी दिया है। यही कारण है कि आज प्रखंड कार्यालय से लेकर सचिवालय तक बेल्ट्रॉन से चयनित कार्यबल राज्य सरकार का मजबूत स्तम्भ और मेरुदंड साबित हो रहा है।
बेल्ट्रॉन की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पारदर्शी और दीर्घकालिक बहाली प्रणाली है। यहाँ बहाली की प्रक्रिया टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) के माध्यम से की जाती है, जिसकी अवधि 60 वर्ष तक के लिए मान्य होती है। यानी एक बार चयनित होने के बाद उम्मीदवार अपने पूरे करियर में स्थिर और सुरक्षित रोजगार का लाभ उठा सकते हैं। यह न केवल युवाओं का भविष्य उज्ज्वल करता है, बल्कि उन्हें राज्य सरकार का स्थायी सहयोगी भी बनाता है।
बेल्ट्रॉन से जुड़े कर्मियों को मिलने वाला मानदेय सूचना प्रावैधिकी विभाग द्वारा अधिसूचित किया जाता है। समय-समय पर इसका पुनरीक्षण किया जाता है और हर साल इसमें 10% की वृद्धि भी होती है। इससे कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा और प्रोत्साहन दोनों मिलता है। यही वजह है कि आज हजारों परिवार बेल्ट्रॉन के जरिए आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं।
बेल्ट्रॉन पूरी तरह बिहार सरकार के आरक्षण रोस्टर के अनुरूप चयन प्रक्रिया का पालन करता है। चाहे वह अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग या महिला आरक्षण हो – सभी श्रेणियों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। यह प्रक्रिया न केवल समान अवसर की गारंटी देती है बल्कि सामाजिक न्याय की अवधारणा को भी मजबूत बनाती है।
बेल्ट्रॉन द्वारा हर चयन प्रक्रिया में समाचार पत्रों और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए विज्ञापन जारी किया जाता है। उम्मीदवार निर्धारित शुल्क देकर ऑनलाइन पंजीकरण करते हैं। इसके बाद TCS ION Digital Center पर कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित होती है। परीक्षा के उपरांत TCS योग्य उम्मीदवारों की सूची बेल्ट्रॉन को उपलब्ध कराता है। इसके बाद जिला वार और आरक्षण रोस्टर के आधार पर मेरिट सूची तैयार होती है। इस तरह की व्यवस्था चयन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाती है।
बेल्ट्रॉन में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10+2 पास निर्धारित है, जिसमें कंप्यूटर ज्ञान और हिन्दी/अंग्रेजी टाइपिंग अथवा स्टेनोग्राफी का अनुभव अनिवार्य है। आयु सीमा न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 59 वर्ष रखी गई है। यानी स्कूली स्तर से लेकर अनुभवी उम्मीदवारों तक सभी के लिए इसमें अवसर उपलब्ध है। इस तरह बेल्ट्रॉन ने राज्य के युवाओं को उनके कौशल और प्रतिभा के आधार पर सरकारी कार्यों में योगदान देने का अवसर दिया है।
आज बेल्ट्रॉन के जरिए कार्यरत हजारों कर्मचारी सरकार के कार्यों के निष्पादन में अहम भूमिका निभा रहे हैं। डेटा एंट्री से लेकर सचिवालय स्तरीय प्रशासनिक कार्यों तक, बेल्ट्रॉन का योगदान राज्य सरकार की कार्यप्रणाली को गति और पारदर्शिता प्रदान करता है। डिजिटल गवर्नेंस को मजबूती देने और ई-गवर्नेंस की अवधारणा को साकार करने में बेल्ट्रॉन एक सशक्त स्तंभ के रूप में उभर कर सामने आया है।
बेल्ट्रॉन न केवल रोजगार सृजन का माध्यम है, बल्कि यह बिहार सरकार के लिए एक रणनीतिक सहयोगी है, जो कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराकर विकास की गाड़ी को गति दे रहा है।



