पोषण पखवाड़ा: गतिविधियों का आयोजन कर पोषण के प्रति किया जा रहा जागरूक
पोषण भी, पढ़ाई भी थीम के साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल की मिल रही जानकारी
किशनगंज 16 मार्च, (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, बेहतर पोषण प्राप्त करना सभी का समान अधिकार है। संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार राज्य के लोगों को बेहतर पोषण प्रदान कराना राज्य की प्राथमिक ज़िम्मेदारी भी है। इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं भी चलायी जा रही है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कुपोषण को ख़त्म करने की कई चुनौतियां सामने आती रही। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुपोषण से लड़ने के लिए मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की गयी। प्रत्येक वर्ष मार्च महीने में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है। इस बार 9 मार्च से 23 मार्च तक राज्य में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्रखंड से लेकर ग्रामीण स्तर तक विभिन्न तरह की गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आईसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायी जा रही है। इसी क्रम में जिले के कोचाधामन प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी शम्स तबरेज के द्वारा पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत की गयी। उन्होंने ने बताया की बच्चों में दुबलापन तथा महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया हमारे लिए चुनौती है। इसमें सुधार लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हम सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को पोषण पर जागरूक कर सकते हैं। साथ ही एनीमिया की समस्या को कम करने के लिहाज से उचित पोषण का विशेष महत्व है। कार्यक्रम के दौरान लोगों को पोषण संबंधी जानकारी देने के लिए स्टाल में विभिन्न कार्यक्रमों जानकारी दी गयी। इस दौरान रंगोली भी बनाई गयी जिससे पोषण का सन्देश दिया जा सके। उक्त कार्यक्रम में प्रखंड की सभी महिला पर्यवेक्षिका एवं सेविका सहायिका उपस्थित रहे। कोचाधामन की समेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी प्रियंका श्रीवास्तव ने बताया कि प्रखंड सहित सूबे में 9 से 23 मार्च तक पोषण पखवाड़ा का सफलता पूर्वक आयोजन किया जा रहा है जो मुख्यताः तीन थीम पर आधारित है जिसमे पोषण भी, पढ़ाई भी-इस थीम अंतर्गत पोषण के साथ-साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के तहत 3-6 वर्ष के बच्चों के सर्वांगीन विकास एवं स्कूल जाने से पहले की तैयारी करने के लिए जागरूक करना।समुदाय को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए पारंपरिक और स्थानीय आहार विविधता को अपनाने के लिए जागरूक करना। गर्भवती, धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने एवं शिशु तथा बच्चों के आहार संबंधी व्यव्हार का अभ्यास कराने के लिए जागरूक करना। वही मिशन लाईफ के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में वर्षा जल संचयन टिकाऊ खाद्य प्रणालियों एवं आयुष प्रथाओं के माध्यम से स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने के लिए अनीमिया, वाश एवं डायरिया प्रबंधन पर भी जागरूकता संबंधी गतिविधियाँ की जानी है। साथ ही प्रतिदिन के प्रतिवेदनों, आंकड़ों को जन-आन्दोलन डैश-बोर्ड पर अपलोड करना सुनिश्चित करना है। महिला पर्यवेक्षिका प्रीति सिंह ने बताया कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य तथा कुपोषण दूर करने की दिशा में प्रत्येक वर्ष मार्च माह में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष 9 मार्च से प्रारंभ यह पखवाड़ा 23 मार्च तक आयोजित होगा। इस दौरान विभिन्न गतिविधियों की मदद से पोषण के प्रति जागरूकता लाने का काम किया जा रहा है। समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार पोषण पखवाड़ा के दौरान माता आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा पोषण क्षेत्र के सभी गर्भवती, धात्री तथा शून्य से छह वर्ष के बच्चों की माताओं के साथ बैठक कर पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी जागरूकता, किचेन गार्डेन का महत्व, मोटे अनाज, स्थानीय एवं पारंपरिक भोजन की उपयोगिता, उसके फायदे, उपरी आहार का महत्वपण आदि विषयों पर चर्चा किया गया। स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज विभाग तथा जीविका सहित अन्य सहयोगी विभागों की सहभागिता के साथ पोषण पखवाड़ा के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।