दवंगों के सामने कुटुम्बा प्रखंड़ के प्रशासननिक अधिकारी हैं नतमस्तक, कोरोंटाईन के नाम पर गरीबो के साथ हो रहा ना इंसाफी, दवंगो को घर पर रहने का है आजादी।
औरंगाबाद/अनिल कुमार मिश्र, कोरोना/कोविड़-19 का महामारी से जनता का बचाव के नाम पर जिले के कुटुम्बा प्रखंड़ में प्रशासनिक अधिकारियो, जनप्रतिनिधियों एवं विचौलियो का नगा नृत्य प्रारंभ है तथा कोरोना की महामारी का नियंत्रण के नाम पर सरकारी खजाने का लूट जारी है।ऐसी ब्यवस्था में गरीबों का भला कैसे संभव है।यहाँ के शासन ब्यवस्था से सर्व सधारण जनता त्रस्त है।अगर यह कहा जाये कि यहाँ के शासन ब्यवस्था दवंगो के हाँथो की कठपुतला है तो इसमें कोई अतिश्योक्त नहीं होगी।विभिन्न प्रदेशो से घर वापस आये 06 में मात्र 04 लोगो को कोरोनटाइन सेंटर पर रखना तथा 02 लोग को घर- परिवार एवं गाँव के बीच रहने तथा स्वछंद विचरण की आजादी है और सरेआम गाँवों में घुम रहे हैं।यह कैसी विडंबना और महामारी से निपटने का कैसा खेल है यह लोगो को समझ से परे हो चूका है।ज्ञात हो कि दवंगो के सामने क्षेत्रीय कोरोना सैनिक नतमस्तक क्यों है और कुछ भी कहने से डरे है और सहमें हुए क्यों हैं तथा प्रशासननिक अधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन में विफल क्यों है।बंगाल से आये 02 लोगो को घर-परिवार तथा गाँव के बीच रहने से गाँव के लोग काफी भयभीत है वहीं 06 मे 02 लोगों को छोड़कर 04 लोगो को कोरोनटाइन सेंटर पर रखना क्या कोरोंटाईन गरीब जनता के साथ ना इंसाफी नहीं है।क्या चार से संक्रमण फैलेग और 02 से संक्रमण नही फैलेगा, क्या इसका जबाब जिले के प्रशासनिक अधिकारी दे सकेंगे।प्रबुद्ध लोगो ने जिला के प्रशासननिक एवं वरीय पुलिस अधिकिरी का ध्यान कुटुम्बा प्रखंड़ के प्रशासननिक एवं पुलिस अधिकारियों की आकृष्ट कराते हुए केवल सच समाचार के माध्यम से जन संदेश मे कहा है कि कुटुम्बा प्रखंड़ के जनता का सुरक्षा के मद्देनजर जनहित में उपरोक्त मामले की स्वयं संज्ञान लेकर नियमानुकूल कार्रवाई किया जाये और सभी को होम कोरोनटाइन रखने का आदेश तत्काल प्रभाव से दिया जाये तथा अनैतिक रूप से सरकारी खजाने की जारी लूट को रोकने की कार्रवाई भी किया जाये अन्यथा कोरोना का संक्रमण रोकने के नाम पर गरीबो के साथ जारी ना इंसाफी पर रोक लगाया जाये।