औरंगाबाद : राशन वितरण में अंगुठे पर अंगुठे लगाना, शोशल डीस्टेंनसिंग की सरेआम उलंघन है, वहीं कोरोना का अपने घरो में बुलावा..

आंशिक लूट की आशंका में वैश्विक महामारी की छूट देना बिहार सरकार के लिए बहुत बड़ा भूल साबित हो सकता है।राशन वितरण में अंगुठे पर अंगुठे लगाना, शोशल डीस्टेंनसिंग की सरेआम उलंघन है, वहीं कोरोना का अपने घरो में बुलावा है।
औरंगाबाद/अनिल कुमार मिश्र, बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला में कोरोना का पॉजिटिव 2 मरीज मिलने से जहां क्षेत्रों में जनता के बीच आतंक का महौल है, वहीं जिलाधिकारी द्वारा घरो में रहने एवं सोशल डिसटेंसिग का अनुपालन का अपील जनता से किया जा रहा है।लाँक डाउन के दौरान राशन वितरण में एक के बाद एक अगुठा को लगाने से लोगो में संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गया है तथा राशन के लिए उपभोक्ताओ को डीलर के घर अंगूठे को लगाना” प्रधान मंत्री का मूल मंत्र 02 मीटर का दुरी”‘ शोशल डीस्टेंनसिंग की सरेआम उलंघन है।सोशल डिस्टेंस के अनुपालन नहीं करने पर जहां एक ओर अधिकारियो द्वारा आम जनता पर लाठी बरसाया जा रहा है वही अनुदान की राशि तथा खाद सुरक्षा के तहत प्राप्त होने वाले राशन के लिए दूरियों की बजाए जनता को एक दुसरे को आस पास होना आम जनता के बीच कोरोना जैसे महामारी को फैला सकता है।कोरोना/कोविड-19 का फैलने तथा इस संक्रमण से आम जनता तथा डीलर एवं इनके परिवार का बचाव हेतू अलाधिकारियों द्वारा संबंधित अधिकारियो को गत माह की भाँति सरकारी कर्मचारियो एवं अधिकारियो के निगरानी मे शोशलडिटेंस का ध्यान मे रखते हूए राशन वितरण हेतू स्पष्ट दिशा-निर्देश ही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का संक्रमण को फैलने से रोक सकता है।अन्यथा राशन लेने हेतू एक के बाद एक अंगठे के स्पर्श से फैलने वाले संक्रमण जनता के बीच भुचाल ला सकता है और प्रशासनिक भूल कभी भी लोगो के बीच महामारी का तांड़व मचा सकता है, आंशिक लूट की संभावना पर वैश्विक महामारी की छूट देना बिहार सरकार के लिए बहुत बड़ा भूल साबित हो सकता है।