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किशनगंज में महिला संवाद कार्यक्रम में खुलकर सामने आईं स्थानीय महिलाओं की आकांक्षाएं

स्टेडियम, लाइब्रेरी, स्वास्थ्य सुविधा व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में विस्तार की रखी गई मांग

किशनगंज,14 मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिला प्रशासन द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में किशनगंज जिले के सातों प्रखंडों की महिलाओं ने बेबाकी से अपनी बात रखी और सरकार से अपनी स्थानीय जरूरतों को पूरा करने की माँग की। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, सामाजिक सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं को लेकर महिलाओं ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

कोचाधामन प्रखंड के बुलादह पंचायत की सावित्री कुमारी ने बताया कि वे बिहार पुलिस में भर्ती होना चाहती हैं और इसके लिए पहले से तैयारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर खेल स्टेडियम की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि ग्रामीण किशोर और खासकर लड़कियाँ खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35% आरक्षण दिए जाने को सराहा और कहा कि इससे गरीब तबके की लड़कियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है।

वहीं, बुलादह पंचायत की लवली ने शिक्षिका बनने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सीमित किताबें ही खरीद पाते हैं। गाँवों में पुस्तकालय (लाइब्रेरी) की सुविधा होनी चाहिए, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को ज्यादा से ज्यादा अध्ययन सामग्री उपलब्ध हो सके। साथ ही उन्होंने प्रखंड स्तर पर सुनियोजित व संस्थागत तैयारी केंद्र स्थापित करने की भी माँग रखी।

बहादुरगंज प्रखंड के बनगामा पंचायत की अफरोजा बेगम ने कहा कि प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे डॉक्टरों की उपस्थिति, ब्लड बैंक की स्थापना और सभी आवश्यक जाँच की व्यवस्था की माँग की। उनका कहना था कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।

महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान राशन की मात्रा बढ़ाने, वृद्धा, विधवा व दिव्यांग पेंशन में वृद्धि, छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल योजना में बढ़ोत्तरी, आवास योजना और स्थानीय स्तर पर सड़क-नाली जैसी समस्याओं को लेकर भी महिलाओं ने अपनी बात रखी।

कार्यक्रम में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई कि ग्रामीण महिलाएँ अब जागरूक हैं और वे अपनी सामाजिक व बुनियादी जरूरतों को लेकर प्रशासन से संवाद करने को तत्पर हैं। यह संवाद न केवल प्रशासन और समाज के बीच पुल का काम कर रहा है, बल्कि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी दिशा दिखा रहा है।

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