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*अर्पणा बाला संभालेंगी “वैश्विक चित्रगुप्तवंशीय महिला परिसंघ” की बागडोर*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा,  ::चित्रगुप्तवंशीय समाज के संगठनात्मक सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। वैश्विक स्तर पर चित्रगुप्तवंशीय समाज को एकजुट करने के उद्देश्य से गठित “वैश्विक चित्रगुप्तवंशीय परिसंघ” ने अपने महिला प्रकोष्ठ की कमान पटना निवासी अर्पणा बाला को सौंप दी है। यह निर्णय रविवार को संगठन की विशेष बैठक में लिया गया।

“वैश्विक चित्रगुप्तवंशीय परिसंघ” का गठन समाज को एक वैश्विक मंच देने, उसकी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने और सामाजिक-संगठनात्मक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से किया गया है। हाल ही में मास्को निवासी राहुल कुमार को रूस का राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली निवासी शशांक शेखर को भारत का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया गया था। अब महिला प्रकोष्ठ का नेतृत्व अर्पणा बाला के हाथों में सौंपा गया है।

अर्पणा बाला की नियुक्ति केवल संगठनात्मक निर्णय नहीं है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण पहल है। महिला प्रकोष्ठ का उद्देश्य समाज की महिलाओं को एक साझा मंच उपलब्ध कराना है, इसके लिए उनके कौशल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देना होगा। अर्पणा बाला ने इस अवसर पर कहा है कि वे समाज की बेटियों और महिलाओं को अधिक जागरूक, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करेगी।

“वैश्विक चित्रगुप्तवंशीय महिला परिसंघ” का फोकस न केवल महिलाओं को संगठित करने पर होगा, बल्कि युवाओं को भी सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने पर होगा। अर्पणा बाला ने कहा है कि वे समाज की नारी शक्ति को जागरूक कर सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजने के साथ-साथ आधुनिक युग की चुनौतियों के लिए तैयार करेगी।

संगठन के मीडिया प्रभारी शिवम जी सहाय ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि यह नियुक्ति समाज में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देगी और आने वाले समय में कई रचनात्मक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

IFWJ के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने अर्पणा बाला को बधाई और शुभकामना देते हुए कहा है कि अर्पणा बाला की नियुक्ति समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कदम इस बात का संकेत है कि चित्रगुप्तवंशीय समाज अब महिला नेतृत्व को न केवल स्वीकार कर रहा है, बल्कि उसे सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम भी उठा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि उनके नेतृत्व में महिला प्रकोष्ठ समाज में नई ऊर्जा का संचार करेगा और आने वाली पीढ़ियों को संगठनात्मक शक्ति का महत्व समझाएगा।
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