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ठाकुरगंज : भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है विकास कार्य।

किशनगंज-ठाकुरगंज/फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के भोलमारा पंचायत के माखनपुर में पुल निर्माण के बाद निर्माणाधीन वाल एप्रोच में जमकर लूट खसौट हो रहा है।एक तरह से कहा जा सकता है कि संवेदक लूट रहे हैं भ्रष्टाचार का मजा। सूचना पट्ट के अनुसार के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना किशनगंज पुल निर्माण कार्य पहुंच पथ के साथ, कार्य प्रारंभ की तिथि 21.01.2019 पूर्ण तिथि 20.01.2020, पुल की लंबाई 38.72 मी०, एप्रोच रोड 100 मी० अनु लागत 19817185 रू० अनुरक्षण की राशि 267646 रू० अनुरक्षण- 5 वर्ष पैकेज नं० BR-18 R-262, संवेदक-मेंसर्स एम०के० गुप्ता, कार्य निष्पादन द्वारा कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल किशनगंज 2 है। भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब मौके पर कार्य कर रहे आलमगीर ने बताया कि पाकुर गिट्टी के साथ दूसरे गिट्टी को मिलाकर वाल एप्रोच निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। आगे जानकारी देते हुए आलमगीर ने कहा कि हम लोग को जिस तरह का गिट्टी ला कर के देगा हम लोग उसी से काम करते हैं। मौके पर दो तरह के गिट्टी मिश्रित अवस्था में भी पाए गए हैं। वहीं पुल निर्माण के तकरीबन 2 वर्ष में पुल के साइड वाल में दरारे भी आ गई है जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कार्य में कितना भ्रष्टाचार हुआ है। कथित नाम मंदु लाल साइड के देखरेख कर्ता ने भी बताया कि पाकुर गिट्टी से काम होना है लेकिन मौके पर मौजूद मिश्रित अवस्था में पाकुर के साथ अन्य गिट्टी भी है जिसके बारे में पूछने पर मौके पर मौजूद कथित नाम मंदु लाल ने चुप्पी साध ली और हक्के बक्के रह गए और वीडियो बनाने के लिए मना करने लगे। इस संबंध में संबंधित जे ई अखलाक से जब गिट्टी के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई तो पहले उन्होंने सरकारी नौकरी का पूरा रोब झारा फिर पत्रकार से बात करते हुए बोले कि उक्त कार्य में पाकुर गिट्टी का इस्तेमाल होना है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि आखिर भ्रष्टाचार के लिए संवेदक को इतनी हिम्मत कहां से आई है कि वे सरेआम पाकुर गिट्टी के नाम पर दूसरी गिट्टी को भी मिला कर काम करवा रहे हैं। यह एक उच्च स्तरीय जांच का विषय है संबंधित अधिकारी को इस पर जांच करनी चाहिए, अगर जांच नहीं होगी तो भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच जाएगा और इससे विकास कार्य में नुकसान होगा और जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर इस पर कार्रवाई कब तक होगी और क्या कार्रवाई होगी ? आमजन जानने को व्याकुल है।

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