भोजपुर : आरजेडी विधायक अरुण यादव के खिलाफ कोर्ट ने गैरजमानती गिरफ्तारी वारंट जारी..

बीते जुलाई महीने में बिहार में एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ था।इसके तार पटना से लेकर आरा तक जुड़े हैं और इसमें कई रसूखदारों के भी नाम सामने आए हैं।
इसी मामले में नाबालिग पीड़िता ने अपने 164 के बयान में एक विधायक का नाम लिया था।इसी सिलसिले में बुधवार को आरजेडी के एमएलए अरुण यादव पटना के हार्डिंग रोड स्थित आवास पर भोजपुर पुलिस ने की छापेमारी।
- पुलिस के अनुसार कोर्ट से वारंट निर्गत होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।वहीं विधायक भूमिगत हो गए हैं।बता दें कि सेक्स रैकेट की संचालिका अनीता, उसके दलाल संजीत और आरोपी इंजीनियर अमरेश के अलावा सेक्स रैकेट के संचालक संजय यादव उर्फ जीजा को पुलिस जेल भेज चुकी है।
- केस के आइओ चन्द्रशेखर गुप्ता ने आरा सिविल कोर्ट में पीड़िता के दोबारा दर्ज कराए गए 164 के बयान का हवाला देते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) सह पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आरके सिंह की अदालत में गिरफ्तारी का वारंट निर्गत करने के लिए अर्जी दी है।
- बीते छह सितंबर को पीड़ित किशोरी ने आरा कोर्ट में दोबारा 164 का बयान दर्ज कराया गया था।पीड़िता ने कहा है कि पटना स्थित विधायक के आवास पर उसके साथ गंदा काम किया गया था।
भोजपुर/गुड्डू कुमार, आरा संदेश विधानसभा आरजेडी विधायक अरुण यादव के खिलाफ कोटॅ ने गैरजमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।इस मामले में केस के आईओ कोर्ट में डायरी जमा किया है।फिलहाल आरोपी राजद विधायक अरुण यादव फरार है और उसका पिछले 48 घंटे से मोबाइल स्विच ऑफ है।इससे पहले विधायक को पकड़ने के लिए पुलिस पटना, लसाढ़ी, अगिआंव सहित कई उसके ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।लेकिन विधायक कहां हैं, इसका कोई सुराग नहीं है। मामले की एसआईटी और डीआईयू टीम सकते में है।पुलिस मोबाइल सर्विलांस के सहारे भी विधायक को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है।लेकिन विधायक का मोबाइल पिछले 48 घंटे से बंद बता रहा है।बुधवार को भी पुलिस ने विधायक अरुण यादव के पटना सचिवालय स्थित सरकारी आवास सहित उसके कई ठिकानों पर छापेमारी की।छापेमारी के दिन देर रात भोजपुर एसपी के आदेश पर विधायक के तीनों बॉडीगार्ड को क्लोज कर लिया गया।बता दें कि सेक्स रैकेट की पीड़ित किशोरी के कोर्ट में विधायक का नाम लिया है।जिसके बाद से पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है।कोर्ट ने वारंट जारी करने से पहले पुलिस से डायरी की मांग की थी।जिसे लेकर केस के इनवेस्टिगेटिव ऑफिसर इंस्पेक्टर चंद्रशेखर गुप्ता कोर्ट पहुंचे थे।