किशनगंज : जिले के 04 प्रखंडों के कालाजार से आक्रांत गांवों में सिंथेटिक पैराथाइराइड का छिड़काव शुरू
बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने को लेकर कराया जाता है छिड़काव

किशनगंज, 17 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, ज़िले से कालाजार जैसी बीमारी को पूर्ण रूप से मिटाने के लिए कीटनाशक सिन्थेटिक पैराथाइराइड के छिड़काव का अभियान शुरू हो गया है। जिले के 07 में से 04 प्रखंडों बहादुरगंज, दिघलबैंक, पोठिया एवं ठाकुरगंज में छिड़काव अभियान 60 दिनों तक चलेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2020 से लेकर जून 2023 तक प्रतिवेदित मरीजों की संख्या के आधार पर छिड़काव के लिये राजस्व गांव का चयन किया गया है। जिला वेक्टर बॉर्न पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने पोठिया प्रखंड के धोबनिया स्कूल टोला में उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन कर दल को रवाना किया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) देश में सबसे व्यापक और बहुआयामी सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियों में से एक है। यह मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू और जापानी इन्सेफलाइटिस जैसे-वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर जड़ से मिटाने का प्रयास करता है। जिले से कालाजार जैसी बीमारी को खत्म करने के उद्देश्य से इसका शुभारंभ किया गया है। छिड़काव को लेकर जिले के 06 प्रखंडों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि सिंथेटिक पैराथाइराइड छिड़काव के लिए 14 टीम को लगाया गया है। जिसमें एक टीम में 6 सदस्यों को शामिल किया गया है। जिसके लिए 6 प्रखंडों के 28 आक्रांत राजस्व गांवों का चयन किया गया है । वहीं 2,58,290 जनसंख्या वाले 51,496 घरों के 124,503 कमरे में सिंथेटिक पैराथाइराइड कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाना है। शेष बचे दो प्रखंडों में छिड़काव अभियान इन प्रखंडों में पूर्ण हो जाने का बाद किया जायेगा। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया जिले में कालाजार के मामले लगातार कम हो रहे हैं। वर्ष 2022 में जिले में 17 वीएल व पीकेडीएल के 05 मरीज मिले थे। वहीं वर्ष 2023 में अब तक वीएल के 05 व पीकेडीएल के 01 मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि 60 दिनों तक चलने वाले इस विशेष अभियान में छिड़काव कर्मी चिह्नित पंचाचतों में घर-घर जाकर दवा का छिड़काव करेंगे। अभियान से पूर्व आमलोगों को इसके प्रति जागरूक किया जायेगा। ताकि छिड़काव संबंधी कार्य में लोगों को भरपूर सहयोग प्राप्त किया जा सके। विभिन्न प्रचार माध्यमों से छिड़काव की तिथि व छिड़काव से पूर्व घरेलू स्तर पर की जाने वाली तैयारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप घर व कमरों के छह फीट ऊंचाई तक, गौशाला व रसोई घर की पूरी दिवाल पर छिड़काव किया जाना है। इसे लेकर छिड़काव कर्मियों को खासतौर पर प्रशिक्षित किया जायेगा। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार बीमारी फैलती है। एसपी पाउडर के छिड़काव से ही बालू मक्खी के प्रभाव को पूर्ण रूप से खत्म किया जा सकता है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार छिड़काव किया जाता है। ताकि बालू मक्खी को जड़ से समाप्त किया जा सके। कालाजार के लक्षण मिलने के साथ ही नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जांच करानी चाहिए। उसके बाद ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के अनुसार इलाज कराएं। सरकारी अस्पतालों में जांच एवं इलाज की मुफ्त व समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इस बीमारी से बचने के लिए जमीन पर नहीं सोएं। मच्छरदानी का प्रयोग नियमित रूप से करना चाहिए। छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें। घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें। छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें। ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिससे कीटनाशक (एसपी) का असर बना रहे। अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।