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*निर्भीक और ईमानदार पत्रकार थे अंजनी*

जनवादी लेखक संघ ने किया पत्रकार वी संस्कृतिकर्मी अंजनी तिवारी के श्रद्धांजलि सभा का आयोजन।..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद। चर्चित पत्रकार और संस्कृतिकर्मी अंजनी तिवारी की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन जनवादी लेखक संघ की तरफ किया गया। सभा में पत्रकार, संस्कृतिकर्मी, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता आदि शामिल हुए। अंजनी तिवारी तीन दशक से भी ज्यादा समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे। इसके अलावा नाटक में भी उनकी भागीदारी रही थी। वह अपनी ईमानदारी और मूल्यों के लिए जाने जाते थे। काफी दिनों से बीमार चल रहे अंजनी तिवारी का निधन 15 अक्टूबर को हो गया।

प्रसिद्ध कवि आलोकधन्वा ने कहा “अंजनी मेरे लिए घर का लड़का था। उसका जाना दुखद है। यह एक मुश्किल समय है ऐसे में किसी साथी का जाना खलता है। दुनिया में बड़े बड़े हथियार बनाए जा रहे हैं लेकिन मनुष्यों के बारे नहीं सोचा जा रहा है। अंजनी बिल्कुल भी डरने वाला नहीं था। वह बहुत हैंडसम था। बहुत अच्छी मगही और भोजपुरी भी बोलते थे। मैं मुट्ठी तानकर अंजनी का अभिनन्दन करता हूँ।”

बंगला कवि व ‘बिहार हेराल्ड’ के संपादक विद्युत पाल ने बताया कि अंजनी लोकतांत्रिक मूल्य के व्यक्ति थे। अंजनी पर बहुत भरोसा था। बंगला साहित्य या अकादेमी के बारे में बहुत सी खबरों को लेकर भी अंजनी से बात होती रहती थी।”

संस्कृतिकर्मी अनीश अंकुर ने बताया ” अंजनी और मैं स्कूल से ही साथ थे। मैट्रिक करने बाद उसकी बड़ी इच्छा थी कि सोवियत रूस जाकर आगे की पढ़ाई करे। अंजनी का जुड़ाव रंगमंच से भी था। कई नाटकों में उन्होंने अभिनय किया। वह कम्युनिस्ट पार्टी से भी जुड़े हुए थे। अंजनी जीवनभर प्रगतिशील विचार के साथ रहे। अभी के वातावरण में अच्छे लोगों को थोड़ी परेशानी होती है। अंजनी बहुत ही कम साधन में काम करते रहे। ”

वरिष्ठ फ़ोटोग्राफर संजय कुमार ने कहा “लगभग दो दशक तक अंजनी जी के साथ काम किया। हमेशा बड़े भाई की तरह उनका साथ मिला। वह हमेशा ही बेहतर सलाह देते थे। एकबार खाली मंच की तस्वीर लेकर मैं आ गया तो उन्होंने ने कहा कि ये क्या है। मैन बोला तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद भी कार्यक्रम शुरू नही हुआ तो क्या करते, इसीको छाप दीजिये येभी तो तस्वीर ही है। उन्होंने कहा आपको धैर्य रखना चाहिए था। आप पत्रकार हैं।”

अंजनी तिवारी के साथ लंबे समय तक काम करने वाले अमलेंदु ने बताया ” अंजनी तिवारी के साथ आप किसी विषय पर बात कर सकते थे साहित्य से लेकर सिनेमा तक।”

लोजपा (रामविलास) के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने कहा “ हमने एक साथ पढ़ाई की। अंजनी बिल्कुल निर्भीक पत्रकार थे। मूल्यों के साथ काम करने वाले थे। अंजनी ने जनशक्ति से पत्रकारिता की शुरुआत की। रंगमंच में भी खूब सक्रियता थी। जनता पागल हो गई नाटक का हमलोगों ने सौ से ज्यादा प्रदर्शन किया। नाटक में अंजनी एक प्रमुख भूमिका में होते थे। वह बहुत ही अच्छे कवि भी थे। उनकी कविताओं का संग्रह हम ला सके तो एक श्रद्धांजलि होगी।”

कम्युनिस्ट पार्टी के पुराने नेता बिंदेश्वर सिंह ने भी अपनी यादें साझा की। उन्होंने बताया कि वह सांस्कृतिक मोर्चे पर सक्रिय थे। वह एक प्रगतिशील व्यक्ति थे। वह कई गुणों से भरे हुए थे। उनकी पढ़ने-लिखने में बड़ी रूचि थी। वह जिज्ञासु थे। जब भी मिलते कई सवाल पूछते ।”

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा “अंजनी तिवारी ने मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया। पत्रकारिता जगत उनको हमेशा याद रखेगा। सांस्कृतिक क्षेत्र और पत्रकारिता क्षेत्र उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगा।”

प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट पवन ने बताया हमलोगों ने बहुत समय साथ मे बिताया। हमारा दोस्तों का एक परिवार जैसा था। अंजनी हमारी यादों में हमेशा रहेंगे।

शिक्षक पंकज प्रियम ने बताया कि हमलोग स्कूल के वक्त से साथ थे। अंजनी बहुत ही मृदुभाषी थे। मैं बहुत कुछ सीखा करता था उससे।

सीपीआइएम के वरिष्ठ नेता अरुण मिश्रा कहा कि अंजनी वैचारिक प्रतिबद्धता के जीनेवाले थे। वह बिकने वाले नहीं थे। शायद इसलिए उनको कष्ट हुआ हो। वह प्रेरणा संगठन से जुड़े हुए थे। उनके भीतर एक जज़्बा था। उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है।

कंग्रेस प्रवक्ता सुमन कुमार मल्लिक ने कहा अखबार में आने जाने के क्रम में अंजनी जी से परिचय हुआ। बहुत ही सहज सरल व्यक्तित्व था उनका। उन्होंने ने कभी समझौता नही किया। मूल्यों के साथ काम करते थे। वह दूसरों की बहुत मदद करते थे। उनका जाना कई तरह की संभावनाओं का भी जाना है।

माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता विजय कुमार सिंह ने बताया कि वह बहुत ही निर्भीक पत्रकार थे। उनके सवाल से उनकी गंभीरता का पता चलता था।

राजद नेता प्रमोद शर्मा ने कहा कि अपनी लेखनी से उन्होंने पत्रकारिता को एक ऊंचाई दी। समाज को सही दिशा देने की कोशिश की।

कला संस्कृत पुरुष वरिष्ठ पत्रकार विश्वमोहन चौधरी”संत”जी ने कहा कि अंजनी बहुत ही मित्रवत थे। बहुत ही मृदुभाषी थे। ईमानदारी के साथ जीवन जिया।

सभा का संचालन पत्रकार कुलभूषण ने किया।

सभा मे पुष्पेन्द्र शुक्ला, राजकुमार राय, मनोज चंद्रवंशी, अशोक मिश्रा, बिट्टू भारद्वाज, अनुपम कुमार, किशोर, आशीष, आनंद, मीर सैफ अली आदि उपस्थित थे।

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