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नेता नही अफसर वाले रोल में हैं केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, बिहार की करोड़ों जनता की गालों पे चाटा जड़ा : मनोज उपाध्याय

गुड्डु कुमार सिंह आरा : आरा स्थित आरओबी उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम नही होने से भड़के जदयू नेताओं का आक्रोश थमने का नाम नही ले रहा है। आज युवा जदयू के राष्ट्रीय सचिव और हिमाचल प्रदेश के प्रभारी मनोज उपाध्याय ने कहा की आज भले ही पूर्व आइएएस आर के सिंह लोकतंत्र के मंदिर संसद में बैठ गए हैं, लेकिन अभी उनके अंदर की अफसरशाही और लालफ़ीताशाही मरी नही है। अपने राजनैतिक महत्वकांक्षा वश उन्होंने आरओबी के उद्घाटन समारोह हेतु छपे पोस्टर और अन्य जगहों पे बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम और तस्वीर न देकर बिहार की करोड़ों जनता के दिलो को ठेस पहुँचाने का काम किया है।

चुनाव के दिनो मुख्यमंत्री के कार्यक्रम आरा के विभिन्न जगहों पे लगाने को लालायित आर के सिंह बड़ी जल्दी ही पलटी मार गए जो गठबंधन धर्म के विरुद्ध है, और प्रोटोकाल भी इसकी इजाज़त नही देता।

मनोज उपाध्याय ने कहा कि खुद उनके चुनाव में मेरे जैसे कार्यकर्ता ने क्या नही किया। लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने जदयू के किसी भी कार्यकर्ता को फोन कर भी उनका आभार नही जताया! चुनाव में बाँहें चढ़ा मेज पर तेज हाथ पटकने की इनकी कला किसी अफ़सर से कम नही होती थी। जो यह बताने को पर्याप्त है की ये लोकतंत्र के मंदिर में बैठे जनता के प्रतिनिधी नही बल्कि अफ़सर ही है।

मनोज उपाध्याय ने कहा कि नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व में बिहार का चौमुखी विकास हुआ है, और जिस हाल में माननीय नेता नीतीश कुमार को बिहार मिला था उसे आज किस मुक़ाम पे उन्होंने पहुँचा दिया यह खुली आँखों से सबको दिख सकता है। नीतीश कुमार के बग़ैर आरा क्या बिहार की किसी सीट को जीतना दिवास्वप्न देखने जैसा है। कल की घटना की जितनी निंदा की जाए उतना ही कम है इस कृत्य के लिए सांसद महोदय को माफी माँगनी चाहिए।

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