किशनगंज : जिले के 01 से 19 वर्ष के 10.59 लाख बच्चों को खिलायी जाएगी अल्बेंडाजोल की गोली।

प्रताप मिडिल स्कूल में बच्चों को दवा खिलाकर की गई राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस कार्यक्रम की शुरुआत, 20 मार्च को भी मॉपअप द्वारा छूटे बच्चों को खिलाई जाएगी गोली।
कृमि संक्रमण के लक्षण-
- कृमि संक्रमण पनपने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं।
- बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है।
- बच्चे हमेशा थकान महसूस करते हैं।
- बच्चों की शारीरिक व मानसिक विकास भी बाधित हो जाती है।
- बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी कमी हो जाती है।
कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय-
- नाखून साफ और छोटे रखें।
- हमेश साफ और स्वच्छ पानी ही पीयें ,
- खाने को ढक कर रखें।
- साफ पानी में फल व सब्जियां धोएं।
- अपने हाथ साबुन से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद।
- घरों के आसपास साफ-सफाई रखें।
- खुले में शौच न करें, हमेशा।
- शौचालय का प्रयोग करें।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार को जिले के शहरी क्षेत्र के प्रताप मध्य विद्यालय से जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार के द्वारा विद्यालय में उपस्थित बच्चों को दवा खिलाकर की गई। जिले के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 01 से 19 वर्ष के बच्चों को कृमि मुक्त रखने के लिए अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। अभियान के दौरान किसी कारणवश दवा सेवन से वंचित बच्चों के लिए 20 मार्च को मॉपअप राउंड चलाया जाएगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने कहा कि बच्चों में कृमि के संक्रमण से विभिन्न तरह की परेशानियाँ हो सकती हैं, जैसे शारीरिक वृद्धि में रुकावट, कमजोरी, भूख एवं एकाग्रता में कमी, खून की कमी (एनीया), थकान आदि। इन सभी परेशानियों को कृमि नियंत्रण की दवाई अल्बेण्डाजोल खिलाकर ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह एक सुरक्षित दवा है।
बिहार में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष में दो बार किया जाता है। वर्ष 2023 में इसका संचालन 16 मार्च को किया जा रहा है। इस दौरान सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित 01 से 19 वर्ष के बच्चों को दवाई खिलाई जाएगी। छूटे हुए बच्चों को मॉपअप राउंड द्वारा 20 मार्च को विद्यालय में ही कृमि नियंत्रण की दवाई खिलायी जाएगी। सिविल सर्जन ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि उक्त तिथि को अपने बच्चों को स्कूल अवश्य भेजें ताकि उनके स्वस्थ्य एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु कृमि नियंत्रण की दवाई खिलायी जाए। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ के के कश्यप ने कहा कि कृमि नाशक दवा अल्बेंडाजोल बेहद सुरक्षित व उपयोगी दवा है जो 1 से 19 साल के सभी बच्चों को खिलायी जानी है। 1-5 साल के बच्चों को यह दवाई आंगनबाड़ी केंद्र एवं 6-19 साल के बच्चों को यह दवा स्कूलों में खिलाई जायेगी। स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को संबंधित क्षेत्र की आशा व आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से उनके घरों में ही दवा सेवन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा व संबंधित एएनएम अपने सामने ही बच्चों को दवा का सेवन कराएंगे जिससे कि कोई भी बच्चा दवा सेवन से वंचित न रह सके। डीडीई सुमन सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान जिले के 10 लाख 59 हजार 546 बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। कार्यक्रम के शत प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भ्रमण किया जाएगा। इसके साथ ही निजी कोचिंग संस्थानों में भी भ्रमण कर दवा से वंचित बच्चों को सेवन कराया जाएगा।
20 मार्च को मॉपअप राउंड के दौरान भी सभी संस्थाओं का पुनः भ्रमण कर वंचित बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता को लेकर शहरी व ग्रामीण इलाकों में माइकिंग के साथ-साथ पोस्टर, बैनर सहित अन्य माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कराया जायेगा। निर्धारित माइक्रो प्लान के तहत बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित कराया जाना है। ताकि अभियान के क्रम में शत प्रतिशत बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित करायी जा सके।