कृषि सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने नालंदा जाकर अधिकारियों एवं किसानों के साथ कृषि योजनाओं की समीक्षा।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-समीक्षा के दौरान किसानों से रु-ब-रु होकर उनकी समस्याओं से हुए अवगत।
डीजल अनुदान के लिए आये आवेदनों को तेजी से करें निबटाराः संजय कुमार अग्रवाल।
सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर वेजिटेबल, चंडी, नालंदा एवं उद्यान महाविद्यालय नूरसराय का भी किया निरीक्षण
तकनीक आधारित उन्नत कृषि की दिशा में कार्य करने के लिए किसानों को जागरुक करने का संबंधित पदाधिकारियों को दिया निर्देश।
कृषि विभाग सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बुधवार को नालंदा जाकर जिला पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों के साथ कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा। इस दौरान जिले के किसानों से रु-ब-रु होकर उनकी समस्याओं अवगत हुए। किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निबटारा करने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया।
डीजल अनुदान का लाभ सभी योग्य किसानों को मिले
कृषि विभाग सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने निर्देश दिया कि जिले में डीजल अनुदान के लिए जो भी आवेदन आये हैं उनकी जांच कर चार दिनों के अंदर निबटारा करें। डीजल अनुदान का लाभ सभी योग्य किसानों को मिल सके, जिन्होंने पटवन के लिए डीजल उपयोग किया है वैसे लोगों के डोर टू डोर विजिट कर आवेदन प्राप्त कर लाभान्वित करने का निर्देश दिया।
बिजली आपूर्ति में अपेक्षित सुधार लाने के लिए दिया निर्देश
किसानों को विद्युत आपूर्ति समुचित रुप से मिल इसके लिए जिला पदाधिकारी को कार्यपालक अभियंता, विद्युत से संपर्क कर अपेक्षित सुधार लाने का निर्देश दिया गया।
सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को 200-200 हेक्टेयर खरीफ मक्के की फसल कराने का लक्ष्य दिया गया।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक फसल और तकनीकी फसल के बारे में किसानों को बतायें।
कृषि सचिव के समक्ष किसानों द्वारा प्याज के स्टोरेज की आवश्यकता बताई गई। इसपर उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को शीघ्र करवाई की बात कही।
खाद वितरण की पारदर्शी व्यवस्था रखी जाए
उन्होंने कहा कि खाद वितरण पर लगातार निगरानी रखते हुए सुचारू व्यवस्था रखा जाय।
कृषि यंत्र सब्सिडी के लिए लाभुकों का चयन पारदर्शी तरीके से कराने को कहा
किसानों को नई तकनीक से अवगत करायें और उन्हें जागरुक करें
सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर वेजिटेबल, चंडी, नालंदा, उद्यान महाविद्यालय नूरसराय में हाईटेक नर्सरी में आधुनिक तकनीक से की जा रही खेती का मुआयना किया।
सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के भ्रमण के दौरान सेंटर के प्रशासनिक भवन एवं प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण किया। एंव निदेश दिया कि इस केंद्र में सालों भर उत्पादन होने वाले सब्जी के प्रभेदों एवं तकनीकों के साथ प्लॉट अनुरुप कार्यक्रम निर्धारित किया जाय। साथ ही प्रोटेक्टेड स्ट्रक्चर यथा पाली हाउस, नेट हाउस, टनेल इत्यादि में मल्च तथा ड्रिप सिंचाई के साथ खेती की तकनीक को इस तरह तैयार करें कि राज्य के किसान तकनीकों से प्रभावित होकर अपने खेत में भी इसका उपयोग करें।
निदेश दिया गया कि इसका वार्षिक कैलेंडर तैयार कर सेंटर को साल में तीन फसल लेने योग्य बनाया जाय, जिससे राज्य की क्रॉपिंग इंटेंसिटी को बढाने में किसानों की मदद की जा सके।
वर्तमान में कई प्रोटेक्टेड संरचना में क्रॉप नहीं रहने पर सचिव कृषि ने निर्देश दिया की इन सरंचनाओं को गर्मी में खेती के अनुकूल बनाने पर कार्य करने का भी निर्देश दिया।
उद्यान महाविद्यालय भ्रमण के दौरान सचिव कृषि ने पाठ्यक्रम एवं पढाई को प्रायोगिक एवं अनुभव सीखने पर जोर देने योग्य बनाने का निर्देश दिया।
सचिव कृषि द्वारा बच्चों से उनके पठन-पाठन, रहने तथा खाना इत्यादि की व्यवस्था पर भी बात की। साथ ही महाविद्यालय को अनुसंधान प्रक्रिया पर जोर देते हुए तथा प्रयोगों के साथ उद्यान क्षेत्र में अपने योगदान को परिलक्षित करने का निर्देश दिया।
इस मौके पर जिलाधिकारी नालंदा शशाक शुभांकर, डीडीसी वैभव श्रीवास्तव, उद्यान निदेशक सहित कई पदाधिकारी एवं विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।