किशनगंज : शिवगंज धाम सेवा समिति द्वारा किया गया गायत्री महायज्ञ, हवन यज्ञ एवम कई प्रकार का संस्कार
अप्प दीपो भव" जीवन के हर पहलू में, वो चाहे सांसारिक हो या आध्यात्मिक, मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है। इसीलिए शिक्षा से लेकर धर्म-अध्यात्म का वृहद तंत्र खड़ा है: श्यामानंद झा

किशनगंज, 10 मार्च (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, शिवगंज धाम सेवा समिति शिवमन्दिर प्रांगण में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया। साथ ही विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गायत्री महायज्ञ, हवन यज्ञ एवम विभिन्न प्रकार का संस्कार जैसे नाम करण संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, पुस्वन संस्कार, अन्नप्रासन संस्कार, मुंडन संस्कार।इस शुभ अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार किशनगंज के वरिष्ठ प्रज्ञापुत्र राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता श्यामानंद झा मुख्य अतिथि के रूप में अपना बहुमूल्य योगदान देकर उपस्थित सभी परिजनों और संस्कार प्राप्त करने वाले भक्तो को अपने मुखारविंद से जीवन को सुखमय और आनंदित व्यतीत हेतू परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा आचार्य के नया युग निर्माण योजना से संबंधित विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि “अप्प दीपो भव” जीवन के हर पहलू में, वो चाहे सांसारिक हो या आध्यात्मिक, मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है। इसीलिए शिक्षा से लेकर धर्म-अध्यात्म का वृहद तंत्र खड़ा है। शिक्षकों एवं गुरुजनों का मार्गदर्शन तथा आशीर्वाद शिष्यों एवं साधकों के जीवन में गति लाते हैं, प्राण फूंकते हैं व अभीष्ट लक्ष्य की ओर गतिशील करते हैं। लेकिन इतने भर से सब कुछ नहीं हो जाता। मंजिल के अंतिम मुकाम तक व्यक्ति को अपने ही बलबूते पहुँचना होता है अर्थात अपने पुरुषार्थ को करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नही। इसी दौरान शिवमन्दिर के मुख्य संचालन सह पुजारी सखी लाल दास ने बताया कि हमारे शिवगंज धाम सेवा समिति द्वारा हर वर्ष महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर आसपास के भक्त जनों के लिए विभिन्न प्रकार का संस्कार इत्यादि निशुल्क कराया जाता हैं। परिजनों को हर प्रकार का संस्कार के लिए मैं आग्रह करूंगा कि आगामी साल और अधिक से अधिक संख्या में आय और संस्कार प्राप्त कर अपने जीवन को अच्छे मार्ग में प्रभावित करे। क्योंकि संस्कार बिना जीवन अधूरा है। इस पुनीत असवर पर कोचाधामन से हरिश्चंद्र जी की टोली के साथ साथ केशो देवी, दिलीप कुमार, चमन लाल कुमार, राजू कुमार, पंचानंद सिंह, उमेश सिंह और स्थानीय परिजनों की उपस्थिति रही।