राशन कार्ड में आधार सीडींग को समाप्त किया जाए।….

कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बिहार राज्य परिषद् ने केन्द्र सरकार द्वारा गरीबों के मुंह का निवाला छिनने की नियत से खाद्य आपूर्ति की महत्वाकांक्षी योजना खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जारी राशन कार्ड को आधार सिडींग एवं केवाईसी के नाम पर बंद करने की साजिश की निंदा की है। भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी के संघर्ष एवं आन्दोलन की बदौलत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को कानून का रूप दिया गया है। केन्द्र सरकार पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए उन्हीं के इशारे पर खाद्य सुरक्षा योजना को बंद करने की नियत से आधार लींक, आधार सिडींग एवं केवाईसी के नाम पर इसे बंद करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में ई-केवाईसी के बाद 16.35 लाख राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं और 40 लाख लाभार्थियों का नाम राशन कार्ड से हटा दिया गया है। बिहार में लाभार्थियों की संख्या 8.35 करोड़ में 5.10 करोड़ लाभार्थियों ने हीं ई-केवाईसी करवाया है। ई-केवाईसी नहीं कराने वाले तीन करोड़ से अधिक लाभार्थियों का राशन बंद करने की घोषणा की गई है, जो गरीब विरोधी है। लोगों का अनुभव है कि नवीनीकरण के लिए पोर्टल की लगातार विफलताओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ई-केवाईसी करने में काफी कठिनाई हो रही है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी केन्द्र और राज्य सरकार से मांग करती है कि राशन कार्ड से खाद्यान्न का वितरण सभी वंचितों के बीच जारी रखे। साथ ही आधार सिडींग के नाम पर बंद सभी राशन कार्ड को अविलम्ब चालू किया जाए। आधार सिडींग की बाध्यता को समाप्त किया जाए।