ताजा खबर

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनन्द माधव ने एक बयान जारी कर कहा है कि 70वें बीपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा जो 4 जनवरी को हुई है उसके विरोध में 99 प्रतिशत से अधिक छात्र है।

ऋषिकेश पांडे /यहाँ तक की बिहार की पूरी आवाम भी इस बात को अच्छी तरह समझ रही है कि बेईमानी एवं अनियमितताओं पर लीपापोती करना ही इस परीक्षा का एक मात्र लक्ष्य था। बिहार सामाजिक अंकेक्षण द्वारा किये गये एक सर्वे का रिपोर्ट भी इस बात का खुलासा करती है। इस रिपोर्ट के अनुसार-
3313 परीक्षार्थी के एक नमूने में, जिन्होंने सामाजिक अंकेक्षण के पहले 12 घंटों में भाग लिया, उनके अनुसार

1. 99.01% फिर से परीक्षा चाहते हैं, मात्र 33 परीक्षार्थी फिर से परीक्षा के खिलाफ हैं।
2. 99.55% परीक्षार्थियों का यह मानना है कि परीक्षा के संचालन में अनियमितताएं थीं, केवल 15 लोगों का कहना है कि अनियमितताएं नहीं थीं।
3. केवल 22 छात्रों का मानना है कि सामान्यीकरण (नार्मलाइजेशन) के बिना निष्पक्ष परिणाम प्राप्त किया जा सकता है, जो 0.664% है। 99.4% का मानना है कि एक ही परीक्षा को दो बार आयोजित करने के बाद, सामान्यीकरण के बिना निष्पक्ष परिणाम नहीं दिया जा सकता है।

(चार्ट्स एक्सेल शीट में संलग्न हैं)।
सरकार अपनें अहं को छोडकर बच्चों के भविष्य की सोचे और पूरे अभ्यार्थियों की प्रीलिम्स दुबारा कराये। यह राज्य के हित में भी होगा। लेकिन जहॉं बेईमानी, भ्रष्टाचार एवं अहं का बोलबाला हो वहाँ बच्चों की परवाह कौन करता है।

मेरी बीपीएससी से, सरकार से यह अपील है कि जिद्द छोडो और पूरा प्रीलिम्स दुबारा कराये। लाठी जितनी चलानी थी चला लिये, पर अब राजनीति को मत जीतनें दीजिये।
सधन्यवाद

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button