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बिहार राज्य के सीवान जिले का एक ऐसा सूर्य मंदिर जहां चित्रगुप्त जी की भी पूजा की जाती है….

श्वेता कुमारी:-जी हां , हम बात कर रहे हैं सीवान जिले के बलिया गांव में सोन नदी के तट पर स्थित लगभग १२५साल पुराना प्राचीन इन सुर्य मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक हैं।यह एक इकलौता सूर्य मंदिर है जहां भगवान सूर्य के साथ चित्रगुप्त की भी पूजा अर्चना की जाती है ।यहां दोनों भगवान की मूर्तियां स्थापित की गई हैं ।यहां कई गांव से लोग छठ व्रत करने आते हैं, और दूर दराज से आए श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए मंदिर परिसर में विशेष व्यवस्था की गई है ।छठ महापर्व के दौरान यहां 24 घंटा चहल-पहल रहती है बताया जाता है कि 1901 में देवनाथ सहाय ने इस सूर्य मंदिर की स्थापना की थी ।गांव के नंदकिशोर प्रसाद ने बताया कि इस मंदिर का शिलान्यास 1898 में बसंत पंचमी के दिन हुआ था जबकि मंदिर 1901 में पूरी तरह बनकर कर तैयार हुआ। मंदिर निर्माण के दौरान इसके चारों कोण पर चार विशालकाय गुंबद बनाए गए थे ,कहां जाता है कि मंदिर का गुंबद कभी इतना विशाल था कि सीवान से दिखता था , लेकिन 1934 में आए भूकंप के दौरान मंदिर के मध्य में बनाया गया गुंबद पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद 1952 में मंदिर का पुनः जीर्णोद्वार कराया गया। आपको बताते चले कि मंदिर के पूर्व दक्षिण कोण पर रथ पर सवार दो फुट भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित है और साथ ही पश्चिम दक्षिण कोण पर चित्रगुप्त जी की, पूर्व में हनुमान जी एवं भंडार कोण पर शिव जी की प्रतिमा स्थापित की गई है यहां के सारे देवताओं की मूर्तियां वाराणसी से मंगवाई गई है यह मंदिर परिसर लगभग दो बीघा में फैला हुआ है इस भव्य मंदिर को देखने एवं पूजा अर्चना करने श्रद्धालु काफी दूर-दूर से आते हैं और अपनी आस्था को तृप्त प्राप्त करते है।

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