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किशनगंज में सुरक्षित मातृत्व की ओर एक कदम और: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिलेभर में हुआ एएनसी शिविर का आयोजन

किशनगंज,09जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का सबसे संवेदनशील और जिम्मेदार समय होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत जिले में प्रसव पूर्व जांच शिविर (ANC Camp) का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों गर्भवती महिलाओं ने भाग लिया। इस अभियान का उद्देश्य माताओं और उनके गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की रक्षा सुनिश्चित करना है।

समग्र देखभाल: सिर्फ जांच नहीं, संपूर्ण मार्गदर्शन

शिविरों में केवल स्वास्थ्य जांच ही नहीं, बल्कि पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, व्यायाम और नियमित दवा सेवन जैसे विषयों पर भी विशेषज्ञों द्वारा परामर्श दिया गया।

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने जानकारी दी कि शिविरों में महिलाओं का वजन, रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, एचआईवी और मलेरिया की जांच की गई। इसके साथ ही आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड की नियमित खुराक पर जोर दिया गया।

उन्होंने कहा, “समय पर जांच और परामर्श से गंभीर गर्भावस्था जटिलताओं की समय रहते पहचान होती है, जिससे मां और शिशु दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।”

सदर अस्पताल में 47 गर्भवती महिलाओं की जांच, दो हाई-रिस्क मामले चिन्हित

सदर अस्पताल, किशनगंज में आयोजित शिविर में 47 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई।
उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन की देखरेख में हुए इस शिविर में दो महिलाओं को हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी की श्रेणी में चिन्हित किया गया, जिन्हें अब विशेष निगरानी में रखा जाएगा।

डॉ. हुसैन ने कहा, “ऐसे मामलों की समय पर पहचान से जरूरी विशेषज्ञ सेवाएं दी जा सकती हैं और मां-शिशु दोनों की जान बचाई जा सकती है।”

भ्रूण की स्थिति की जांच: 20 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड

महिला चिकित्सिका डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि शिविर में 20 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया गया, जिससे भ्रूण की स्थिति, गर्भनाल और संभावित जटिलताओं की समीक्षा की गई।

उन्होंने कहा, “अल्ट्रासाउंड न केवल चिकित्सकीय जरूरत है, बल्कि यह सुरक्षित मातृत्व की दिशा में निर्णायक कदम भी है।”

जिलाधिकारी ने की अभियान की सराहना

जिलाधिकारी विशाल राज ने शिविर की सराहना करते हुए कहा कि, “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकारों की रक्षा का माध्यम है।”

उन्होंने कहा कि समाज की अंतिम पंक्ति की महिला तक योजना का लाभ पहुंचाना प्रशासन की प्राथमिकता है। यह अभियान मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को कम करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

SDG-3 की दिशा में ठोस पहल

सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने कहा कि यह योजना संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य-3 (SDG-3) यानी “Good Health and Well-being” की दिशा में सशक्त पहल है। उन्होंने कहा, “इन शिविरों से महिलाओं को समय पर चिकित्सा सहायता मिलती है और यह आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य की नींव रखता है।”

जन-स्वास्थ्य की ओर जन-आंदोलन

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान किशनगंज में एक जन-स्वास्थ्य क्रांति का रूप ले चुका है। स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन और आम जनता मिलकर इस मिशन को सफल बना रहे हैं।

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