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जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/इस बैठक में रबी 2024-25 में आच्छादन लक्ष्य के अनुसार उर्वरक की आवश्यकता, प्रखंडवार उर्वरक का लक्ष्य एवं आपूर्ति, उर्वरक प्राप्ति एवं वितरण, छापेमारी इत्यादि की समीक्षा की गई। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी द्वारा माननीय विधायकों तथा प्रगतिशील किसानों से भी फीडबैक लिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी, एमओपी, एनपीकेएस, एसएसपी आदि उपलब्ध है। बैठक में प्रगतिशील किसानों एवं माननीय जन-प्रतिनिधियों द्वारा भी यह बताया गया है। वर्तमान में 10,988.512 मेट्रिक टन यूरिया तथा 811.72 मेट्रिक टन डीएपी जिला में उपलब्ध है। नवम्बर माह में 15,573.46 एमटी यूरिया की आवश्यकता थी जिसके विरूद्ध शत-प्रतिशत यूरिया प्राप्त हुआ था। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मांग के अनुसार यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। किसानों को चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सिंचाई के समय यूरिया तथा बोआई के समय डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी।

जिलाधिकारी द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया कि किसानों को सही दाम पर उर्वरक मिले। कृत्रिम अभाव दिखाकर कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। बुआई के लिए डीएपी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को प्रखंड कृषि पदाधिकारियों के माध्यम से प्रखंडवार उर्वरक की उपलब्धता की समीक्षा करने का निदेश दिया गया। चेकलिस्ट के अनुसार उर्वरक के थोक विक्रेताओं एवं खुदरा विक्रेताओं की जाँच करने का भी निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि किसान भाई पैनिक-बाईंग न करें। अनुमंडल पदाधिकारियों को यह भी निदेशित किया गया कि खाद की कृत्रिम कमी दिखाकर होर्डिंग करने वालों पर कार्रवाई करें।टॉप-20 क्रेताओं की जाँच करने का निदेश दिया गया।

 

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