किशनगंज : जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत महिलाओं की हुई निःशुल्क जांच हेतु विशेष शिविर का आयोजन
प्रसव पूर्व जांच गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा के लिये जरूरी, शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की है बेहतर व्यवस्था: सिविल सर्जन
किशनगंज 21 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में मातृत्व स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने व जच्चा-बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लायी जा सके। जिले में सभी को जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग लगातार विशेष अभियान चलाकर प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना को और भी सरल और सुविधाजनक बना रहा है। शुक्रवार को सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया की जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल एवं अनुमंडलीय व जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच की गई। यह जांच स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर आयोजित कर की गई। गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रत्येक महीने के 9 एवं 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसके तहत महिलाओं का वजन, बीपी, एचआईवी, ब्लड शुगर के साथ कोविड टीकाकरण भी किया गया है। जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की मुफ्त प्रसव पूर्व जांच की गई। किशनगंज ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत महिला चिकित्सा पदाधिकारी डा. आशिया नूरी ने बताया कि वर्तमान समय मे जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए व अनचाहे गर्भ ठहरने से रोक के लिए साथ ही साथ बच्चा पैदा करने के साथ ही तुरंत पुनः प्रेग्नेंसी की समस्याओं से बचाव के लिए गर्भवती, व धात्री महिलाओं को परिवार नियोजन की विभिन्न संसाधनों यथा, कन्डोम, माला डी, अंतरा, कॉपर टी, एवं नसबंदी, जैसे परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों की जानकारी दी गईं। इस दौरान महिला चिकित्सकों व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा परिवार नियोजन के तरीकों से महिलाओं को अवगत कराया गया। गैर संचारी रोग पदाधिकारी ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरिक्षण के दौरान बताया की प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए। दरअसल, समय पर जांच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाता है और पता लगने पर ही उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इससे प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े । साथ ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व 04 जांच कराना जरूरी है। महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है। सरकार की यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियां का सामना नहीं करना पड़ेगा। सभी गर्भवती महिलाओं को आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है। तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं व उनके गर्भस्थ बच्चे का उचित शारीरिक व मानसिक विकास होता है।जिला संचारी रोग पदाधिकारी डा. मंजर आलम ने कार्यक्रम के निरीक्षण के दौरान बताया कि पीएमएसएमए अभियान के तहत जिले के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में 500 से अधिक गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच संभव हो सकी। इस क्रम में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के तीन सौ से अधिक मामले चिह्नित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास कर रहा है। इसमें जननी सुरक्षा योजना बेहद महत्वपूर्ण है। योजना के तहत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपये व शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किया जाता है। सुरक्षित प्रसव के लिये समय पर घर से अस्पताल व प्रसव के उपरांत घर पहुंचाने के लिये एंबुलेंस की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है।