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:-: धानुक जाति :-:

पटना डेस्क:-धनुष रखने और बनाने वाला व्यक्ति धानुक या धनुवंशी कहलाता था। आज की भाषा में सेना का वह हिस्सा जो सेना के सबसे आगे का मोर्चा सम्भालते थे, वह लोग धानुक जाति यानि धनुकर का व्यवसाय करते हैं। ब्रिटिश सेना में इन्ही टुकड़ियों को पैदल या रायफल्स कहा जाता हैं। मनुवादी धानुक सेना को नष्ट करने के लिए, धनुकर समाज के वंशजों को sc, st वर्ग में डाला गया जिससे वह अपना गौरवशाली इतिहास भूलकर, ब्रिटिश गुलाम बन जाएं। वर्ण व्यवस्था के आधार पर भी देखा जाए, तो धनुवंशी जाति क्षत्रिय वर्ण में आती हैं। राजपूत, धनुवंशी, भील आदि यह सब वर्तमान में आर्मी व पुलिस के नाम से जाने जाते हैं और जैसे आर्मी व पुलिस में रैंक होती हैं, वैसे ही उपलिखित जातियों में भी रैंक सिस्टम होता था, जिसे ऊंचनीच का नाम दे दिया गया। हथियार, तिलक, जनेऊ आदि द्वारा इनकी रैंक पहचानी जाती थी। अगर वह ऊंचनीच थी तो ips और हवलदार भी तो ऊंचनीच ही हुई। व्यवहार वही, शब्द नए हैं। विजय सत्य की ही होगी।

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