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जागरूकता।…

पटना डेस्क:-आजकल लोगों में जागरूकता आ रही हैं “” यह वाक्य एक शाब्दिक मायाजाल हैं। जिसका वास्तविक तात्पर्य हैं ब्रिटिश संविधान के प्रति स्वीकार्यता का बढ़ना और विद्रोह का दमन होकर, पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित होना। इसी जागरूकता के प्रभाव के कारण प्रकृति का विनाश हुआ और हमने प्रकृति की पूजा करने वाले, अपने पूर्वजों को, अज्ञानी व अनपढ़ समझकर, उनका उपहास उड़ाया, लेकिन समय की करवट और प्राकृतिक असंतुलन के कारण, हमें वापिस अपने पूर्वजों की बातों को स्वीकार्य करना पड़ रहा हैं और एक बार फिर ब्रिटिश संविधान के विद्रोह को दबाने के लिए, हमारे ही पूर्वजों के ज्ञान को जागरूकता कहा जा रहा हैं एवं हमें वास्तविकता के स्थान पर भौतिकता में उलझा दिया गया हैं। सामान्य अर्थो में जागरूकता का मतलब सनातन संस्कृति का त्याग करके, पश्चिमी संस्कृति का अनुसरण करना है।, विजय सत्य की ही होगी।

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