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गौवंश पशुओं में फूट एंड माउथ डिजीज (FMD) पर एक सप्ताह का चलाया जागरूकता अभियान

बीएयू ने एफएमडी जागरूकता अभियान चलाया


रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची (BAU Ranchi) के वेटनरी कॉलेज में आईसीएआर (ICAR) के सहयोग से संचालित एफएमडी नेटवर्क यूनिट (FMD Network Unit) ने गौवंश पशुओं में फूट एंड माउथ डिजीज (FMD) पर एक सप्ताह का जागरूकता अभियान का सफल आयोजन किया। परियोजना अन्वेषक एवं डीन पीजी डॉ एमके गुप्ता ने बताया कि एक सप्ताह के इस अभियान में पहले दिन वर्चुअल मोड में पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से झारखंड राज्य के सात जिलों के कुल 40 प्रशिक्षु पैरावेट्स को गौवंश पशुओं में एफएमडी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्हें अपने क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थानों पर एफएमडी सूचना बैनर का प्रदर्शन और फोल्डर वितरण की सलाह दी गई।

अभियान के दौरान नेताजी अकादमी हाईस्कूल होचर में 15 गांवों के कुल 75 वरिष्ठ छात्रों तथा तीसरे दिन टीएस पब्लिक हाई स्कूल कांके के 60 वरिष्ठ छात्रों को कार्डबोर्ड पर मुद्रित दृश्य सहायता के माध्यम से एफएमडी विषय पर जागरूक किया गया। छात्रों को संबंधित गांवों के सामुदायिक केंद्रों में प्रदर्शन के एफएमडी सूचना बैनर और फोल्डर का वितरण किया गया। इस दौरान सीवीएससी और एएच, रांची के 40 इंटर्नशिप छात्रों को पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से एफएमडी रोग एवं उसके नियंत्रण तथा डीएफएमडी द्वारा पालन किए जा रहे सभी तकनीकी जानकारी से अवगत कराया गया। सीरोसर्वेविलेन, सेरोमोनिटरिंग और रोग प्रकोप जांच गतिविधियों के तहत किए जा रहे विभिन्न प्रयोगशाला परीक्षणों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में डीन वेटनरी, सीवीएससी एवं एएच के निदेशक, निदेशक अनुसंधान, एसोसिएट डीन (डेयरी टेक्नोलॉजी) भी शामिल हुए।

डॉ एमके गुप्ता ने बताया कि अभियान के दौरान मुख्य जोर आम लोगों के बीच गौवंश पशुओं में एफएमडी के प्रति जागरूकता और इस गंभीर रोग से बचाव का विवरण साझा करना था। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से बीमारी, इसके कारण, नैदानिक ​​​​संकेतों और रोगग्रस्त जानवरों में गंभीर घावों और इसके कारण डेयरी उद्योग को होने वाले आर्थिक नुकसान के बारे में अवगत कराया गया। रोग की रोकथाम में टीकाकरण और जैव सुरक्षा उपायों के महत्व और टीकाकरण पर जोर दिया गया। पशुपालन से जुड़े हितधारकों को एफएमडीसीपी, एनएडीसीपी और एलएचडीसीपी कार्यक्रम के माध्यम से भारत सरकार और डीएफएमडी आईसीएआर एनआईएफएमडी अरुगुल भुवनेश्वर के द्वारा शुरू किए गए प्रयासों को बताया गया।

ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता पैदा करने में पैरावेट्स और ग्रामीण युवाओं की भूमिका के साथ-साथ विभिन्न चरणों में टीकाकरण के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों में सीरोसर्विलांस और सेरोमोनिटरिंग कार्यों को पूरा करने में आवश्यक सहयोग पर प्रमुख जोर दिया गया। डॉ एमके गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में एफएमडी और इसके नियंत्रण के महत्वपूर्ण बिंदुओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने तथा भविष्य में मवेशियों में एफएमडी के मामलों की रिपोर्ट तुरंत एफएमडी नेटवर्क यूनिट रांची को देने का अनुरोध किया गया ताकि आवश्यक अनुवर्ती गतिविधियों की योजना बनाई जा सके। कार्यक्रम में सह परियोजना अन्वेषक डॉ अंसार अहमद और एसआरएफ स्नेहा कुमारी ने विशेष सहयोग प्रदान किया।

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